आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना में अरबों रुपए का गड़बड़ घोटाला! उच्च स्तरीय जांच की मांग।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। आयुष्मान योजना में पूरे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संस्थाओं में अरबों रुपए के घोटाले की आशंका है आयुष्मान योजना के राज्य नोडल अधिकारी जिनके संरक्षण में आयुष्मान योजना अधिकारियों का चारागाह बना हुआ है। मरीजों की फर्जी भर्ती,आयुष्मान योजना में फर्जी पंजीयन,अपने चहेते लोगों का नाम प्रदर्शित कर प्रोत्साहन राशि के बंदरबांट का खेल खेला जा रहा है।जबकि हकीकत यह है कि वास्तव में भर्ती मरीजों के उपचार में कार्य कर रहे कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नही किया जा रहा है।
प्रोत्साहन राशि भुगतान के नाम पर अरबों का घोटाला किया जा चुका है।
क्या है योजना
योजना के तहत जो क्लेम राशि बनती है उस राशि का 25 प्रतिशत राशि चिकित्सक एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जाना होता है। 35 प्रतिशत राशि संस्था के उन्नयन के लिया दिया जाता है,इस राशि से संस्था में मरीजों की सुविधा में विस्तार करने,दवा एवं उपकरण सहित अन्य कार्यों में उपयोग के लिए दिया जाता है। शेष 40 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाता है।उसे भी संबंधित संस्था उन्नयन की आवश्यकता की मांग करती है तो वह 40 प्रतिशत राशि संस्था को प्रदान कर दिया जाता है।रविंद्र तिवारी कार्यकारी प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का आरोप है कि इस तरह फर्जी उन्नयन दिखा कर सम्पूर्ण राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।आयुष्मान योजना का प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थाओं में सफल संचालन के लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त हैं जो लंबे समय से यह कार्य देख रहे हैं जिनके संरक्षण से अधिकारी योजना में भ्रष्टाचार कर फल फूल रहे हैं।
एक बड़ा घोटाले का पर्दाफाश कोरिया जिले के खडगंवा ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ है। जहां के एक चिकित्सक के खाते में 50 लाख रुपए से अधिक राशि डाली गई वहीं एक नेत्र सहायक के खाते में लाखों रुपए भेजे गए। शिकायत राज्य कार्यालय से आए अधिकारियों ने जांच कर खुलासा किया था। जिसे दबाने का राज्य नोडल अधिकारी में भरसक प्रयास किया था। जांच को आगे रोकने का भी प्रयास किया।
शिकायतकर्ता नें प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। उनका मानना है कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यदि करोड़ों का घोटाला हुआ है तो पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में घोटाले की राशि अरबों की हो चुकी होगी।दूसरी तरफ, प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों,जिला चिकित्सालय,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के उपचार में लगने वाली राशि के साथ साथ पात्र कर्मचारियों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि में की गई गड़बड़ी एवं स्वास्थ्य विभाग जैसे संवेदनशील संस्था,अधिकारियों तथा शासन की क्षवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों के कारनामों की उच्च स्तरीय जांच कराने छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने,सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा संचालक स्वास्थ्य सेवाएं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखकर अनुरोध किया है की राज्य नोडल अधिकारी को पद से हटाते हुए जांच कराई जाय।रविंद्र तिवारी
कार्यकारी प्रांताध्यक्ष
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि जब एक संस्था के प्रकरण में लगभग एक अरब रुपए का घोटाला किया गया है तो अनुमान लगा लीजिए कि पूरे प्रदेश में कितने अरब रुपए का घोटाला हो चुका होगा?फिलहाल इंतजार करना होगा कि संगठन के लिखे पत्र पर शासन द्वारा क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं!