पटवारियों का गंभीर आरोप…तहसीलदार मांगते हैं प्रत्येक राजस्व प्रकरण पर पांच हजार रुपए!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों राजस्व महकमे को शर्मसार करनें वाली खबरें सामने आ रही है राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी राजस्व नियमों को ताक पर रख सिविल सेवा आचरण अधिनियम की भी बेखौफ धज्जियाँ उड़ाते नजर आ रहे हैं। चाहे मामला सरकारी जमीनों की खरीदी बिक्री का हो या जमीन के नामांतरण या फिर सीमांकन का हो या दस्तावेज में कूट रचना का सभी मामले राजस्व विभाग को शर्मसार करनें वाले हैं।
अब एक ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं जिसमें पटवारियों नें अपने ही तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर बिलासपुर से उन्हें हटाने की शिकायत की है।
क्या है मामला
रतनपुर तहसीलदार की कार्यप्रणाली से त्रस्त होकर तहसील के स्टाफ और पटवारियों ने इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर सौरभ कुमार से की है। पटवारियों और तहसील कार्यालय के स्टाफ ने कलेक्टर से रतनपुर तहसीलदार प्रकाश साहू का अन्यत्र तबादला करने की मांग की है। शिकायत पत्र में आरोप गंभीर हैं।
कलेक्टर को दी गई लिखित शिकायत में पटवारियों ने बताया है कि रतनपुर में पिछले 4 माह से पदस्थ तहसीलदार प्रकाश साहू नामांतरण एवं अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के लिए उनसे नाजायज तौर पर पैसे की मांग करते हैं।
शिकायत पत्र में आरोप है कि तहसीलदार प्रकाश साहू द्वारा नामांतरण के हर प्रकरण में 5000 रूपए की मांग पटवारियों से की जाती है वही महिला पटवारियों एवं तहसील कार्यालय के स्टाफ के साथ तहसीलदार का व्यवहार अभद्र रहता है। गाली गलौज देकर भी उनके द्वारा बात की जाती है।लिखित शिकायत में यह भी बताया गया है कि तहसीलदार पटवारी और अपने कार्यालय के स्टाफ को मीटिंग के नाम पर आए दिन प्रताड़ित करते हैं। सुबह 10:00 बजे मीटिंग होने की बात कहकर अधिनस्थ स्टाफ को कार्यालय बुला लिया जाता है और उसके बाद सूचना दी जाती है कि मीटिंग शाम को 5:00 बजे होगी। 5:00 बजे मीटिंग लेना शुरू कर देर रात तक मीटिंग रखी जाती है जिससे महिला पटवारियों और अन्य स्टाफ को मुख्यालय तक आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
तहसील स्टाफ के मुताबिक तहसीलदार प्रकाश साहू जहां भी पदस्थ रहे उनका व्यवहार स्टाफ के साथ इसी तरह का रहा है बात-बात पर तहसीलदार स्टाफ और पटवारियों को 9 लाख देकर बिलासपुर आने की बात कहते हैं साथ ही इस 9 लाख रुपए को रिकवर करने के लिए अधिनस्थ स्टाफ से नाजायज तौर पर पैसे की मांग की जाती है।
वही दूसरी तरफ तहसीलदार द्वारा ग्रामीण किसानों और अन्य लोगों को पटवारियों के खिलाफ लिखित में शिकायत करने के लिए भी उकसाया जाता है।
बहरहाल पटवारी एवं तहसील कार्यालय के स्टाफ द्वारा कलेक्टर से की गई शिकायत को कलेक्टर कितनी गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही करते हैं देखना होगा, कि राजस्व प्रमुख जिला कलेक्टर सौरभ कुमार आमजनता की नहीं बल्कि अपने ही मातहत राजस्व कर्मचारियों की लिखित शिकायत पर तहसीलदार को रतनपुर तहसील से अन्यत्र स्थानांतरित करते हुए निष्पक्ष जांच करवाते हैं या फिर तहसीलदार के खिलाफ मिली लिखित शिकायत को अनदेखा कर देते हैं।