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मुख्यमंत्री जी, उदासीन खनिज अधिकाररियों का एक और कारनामा!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। मुख्यमंत्री के आदेश को लेकर बिलासपुर खनिज विभाग और उसके अधिकारी कितने उदासीन हैं इसकी बानगी कोटा क्षेत्र में देखने को मिलती है।

कोटा से रतनपुर जाने वाले मार्ग पर कलारतराई पंचायत के आश्रित ग्राम बांकी घाट स्थित गोयल-क्रेसर-संचालक पर पंचायत की जनप्रतिनिधि महिला सरपंच का बड़ा और गंभीर आरोप है कि यहाँ के क्रेशर संचालक द्वारा लीज एरिया से हटकर बिना-एनओसी के पहाड़ के पत्थर और मुरुम का उत्तखनं और परिवहन किया जा रहा है.

चिन्हित लीज एरिया के नाम पर “गोयल क्रेसर” संचालक द्वारा चिन्हांकित एरिया से हटकर प्राकृतिक पहाड़ को समतल मैदान बनाया जा रहा है। साथ ही पहाड़ के समतल होने पर लगातार लोगों द्वारा अवैध कब्जा जारी।

क्रेसर प्लांट के इर्दगिर्द-रेत का अवैध भंडारण खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकाररियों की उदासीनता को प्रदर्शित करता है वहीं मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना का जीता जागता उदाहरण है।

जिम्मेदार खनिज-विभाग के अधिकारियों की चुप्पी क्रेशर संचालक से सांठगांठ की ओर इशारा करता है!

जागरूक लोगों का कहना है कि जब एक जनप्रतिनिधि की शिकायत प्राकृतिक पहाड़ को लीज एरिया से हटकर उत्तखन्न और परिवहन किया जा रहा है को अधिकारी अनसुना कर रहे हैं जबकि आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतों का निराकरण करना इन मोटी तनख्वाह पाने वाले अधिकारियों का कर्तव्य है।

फिलहाल देखना होगा कि जिम्मेदार खनिज अधिकारी और एसडीएम कोटा पंचायत प्रतिनिधि की शिकायत को कितनी गंभीरता से लेते हुए लीज एरिया से बाहर हो रहे उत्तखन्न का नापजोख कर सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान की भरपाई हेतु क्रेशर संचालक पर कितने राशि की पेनाल्टी की कार्यवाही करते हैं!

एक सवाल:- अवैध उत्तखन्न और परिवहन रोकने एसडीएम कोटा, कोटा पुलिस, कोटा जनपद सीईओ,और खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे हैं इनके अधिकार क्षेत्र में इतना विशाल पहाड़ अवैध रूप से समतल मैदान में तब्दील हो रहा है?

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