बिना लाइसेंस ढाबा और होटलों में परोसी जा रही शराब!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। खबरों के माध्यम से आए दिन अवैध शराब कच्ची पक्की पकड़े जाने की खबरें पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा आती रहती हैं किंतु कोटा क्षेत्र में संचालित ढाबा और होटलों में बगैर लाइसेंस परोसी जा रही शराब पर कार्यवाही की खबरें ही नहीं! जबकि नियमानुसार शराब रखने और परोसने के लिए लाइसेंस का होना कानूनन जरूरी है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जिम्मेदार कर क्या रहे हैं!
जानकारों का मानना है कि कोटा क्षेत्र में स्थापित ढाबा और होटलों में शराब खुलेआम परोसी जा रही है पीने पिलाने का काम बेखौफ जारी है। शराब के साथ वेज और नानवेज (चखना) खाने की भी उत्तम व्यवस्था है बस जेब में रुपए होने चाहिए।
लोगों का मानना है कि कोटा क्षेत्र में स्थापित ढाबो और होटलों में अवैध रूप से परोसी जा रही शराब पर कार्यवाही करनें की जिम्मेवारी आबकारी विभाग के आबकारी निरीक्षक की है इस काम के लिए हर महीने तनख्वाह भी मिलती है बावजूद इसके उन्हें ऐसा कुछ अवैध काम होता दिखाई नहीं देता।
लोगों का कहना है कि जब मुखबिर की मदद से गांव, गली,मोहल्ले और शराब बनाने और बेचने वालों पर आबकारी एक्ट के तहत आए दिन कार्यवाही की जा सकती है तो फिर होटलों और ढाबों पर क्यों नहीं!
जानकार कहते हैं कि कोटा क्षेत्र में संचालित अधिकतर ढाबों और होटलों में खुलेआम शराब का परोसा जाना स्थानीय प्रशासन और आबकारी निरीक्षक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोटा एक पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना पहचाना जाता है उनमें से एक कोटा का कोरी डैम और डैम के आसपास लगभग 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर लगा हुआ सेमरिया का औरा पानी डैम जहाँ चारों ओर घने हरे भरे वृक्षों जहाँ की आबोहवा और प्राकृतिक सुंदरता भी शराबियों की शराबखोरी का अड्डा बनता जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि इन क्षेत्रों में अपराधी किस्म के लोगों का जमावड़ा बनता जा रहा है जिससे कोटा में आए दिन गंभीर किस्म के अपराध हो रहे हैं आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है जैसे की चोरी, डकैती लूटपाट,नशे की हालत में एक्सीडेंट जैसे मामला लगातार बढ़ते क्रम में है। लॉ एंड ऑर्डर नियंत्रण का काम पुलिस विभाग का है ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है।
जानकारों का कहना है कि कोटा में अनुविभागीय अधिकारी का कार्यालय है वहीं कोटा और रतनपुर थाना क्षेत्र है बेलगहना में चौकी स्थापित है बावजूद इसके नियम विरुद्ध होटल और ढाबा देर रात तक संचालित किए जाते हैं। इन पर लगाम लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी उदासीन नजर आते हैं।
आलम तो यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों के नाक के नीचे से यह पूरा अवैध कारोबार बेखौफ संचालित हो रहा है बगैर कोई कार्यवाही, ऐसे में सवाल का खड़े होना लाजमी है!
कोटा के ढाबा और होटल संचालकों का बगैर लाइसेंस इतना बड़ा अवैध कारोबार के तिलिस्म को संचालित कर पाना संभव नहीं, वह भी बिना किसी कार्यवाही के,यह कारनामा अधिकारियों और संचालकों के बीच सांठगांठ को उजागर करता नजर आता है।
फिलहाल जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि कोटा क्षेत्र में बिना लाइसेंस शराब परोसे जाने वाले होटलों और ढाबों पर अपने मुखबिरों के माध्यम से नजर रखें और समय समय पर टीम बनाकर रेड करें ताकि बिना लाइसेंस परोसी जा रही शराब से सरकार को हो रही राजस्व की हानि पर रोक लगे और शराब का अवैध कारोबार संचालित कर रहे संचालकों पर ठोस कार्यवाही हो।