बड़े बाबू की लापरवाही… प्रधान पाठक एवं शिक्षक वेतन से रहेंगे वंचित।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। विकास खण्ड शिक्षा कार्यलय बिल्हा एक बार फिर सुर्खियों में आया है। इस बार मामला शिक्षकों के वेतन से जुड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार बी.ई.ओ. बिल्हा के प्रभारी बड़ेबाबू एन.पी. डाहिरे की लापरवाही से बी.ई.ओ. बिल्हा के अंतर्गत कार्यरत् 14 प्रधान पाठक एवं शिक्षक फरवरी 2022 के वेतन से वंचित रहेंगे।
क्या है मामला
शासन के नियमानुसार आयकर दाता शिक्षकों का प्रतिमाह आयकर काटा जाना होता है तथा प्रत्येक
तिमाही में काटे गये आयकर की राशि को आयकर विभाग में जमा करना होता
है। लेकिन खण्ड लिपिक एन.पी. डाहिरे द्वारा प्रधान पाठक श्रीमती आराधना
लिंकन, आनंद प्रकाश उपाध्याय, श्रीमती रेहाना बेगम, श्रीमती रजनी बघौत,
विद्या सागर पाटनवार, विकास शर्मा, बरनलाल सूर्यवंशी, श्रीमती प्रेमलता
तिवारी, श्रीमती अनिता भास्कर एवं शिक्षक श्रीमती सुनीता बागड़े, श्रीमती
मधू सूद, श्रीमती मनीषा गायकवाड़, श्रीमती आशा जैन एवं राजेश विश्वकर्मा
का वित्तीय वर्ष 2021-22 में आयकर प्रतिमाह नहीं काटा गया है, जिसके
कारण उक्त प्रधान पाठक एवं शिक्षकों के माह फरवरी 2022 का पूरा वेतन
एकमुश्त वेतन से आयकर में काटे जाने से वेतन से वंचित रहेंगे, साथ ही कुछ
प्रधान पाठक एवं शिक्षकों का मासिक वेतन से आयकर की राशि अधिक होने
से पूरा वेतन काटने के बाद भी आयकर पूरी नहीं होगी,जो कि एक गंभीर
लापरवाही मानी जा रही है।
ज्ञात हो कि एन.पी. डाहिरे खण्ड लिपिक के द्वारा यह पहली बार की गई अनियमितता नहीं है, बल्कि उनके द्वारा प्राथमिक शाला इंदिरा नगर बिलासपुर में कार्यरत एक शिक्षक का आधे वर्ष चिकित्सा अवकाश में होने के
बाद भी वेतन आहरण कराने की शिकायत पर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग
बिलासपुर द्वारा जांचोपरांत लापरवाही उजागर होने से एन.पी. डाहिरे का
वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने का आदेश जारी किया गया है।
फिर भी उक्त आदेश को अनदेखा करते हुये अपने वेतन माह जुलाई में वार्षिक वेतनवृद्धि
जोड़कर वेतन लिया गया था, फिर भी कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बुलंद
है, जिस वजह से उनके द्वारा श्री जानसन टोप्पो प्रधान पाठक प्राथमिक शाला
कीर्तिनगर के 14 माह चिकित्सा अवकाश में होने के बाद भी नियमित रूप से
वेतन भुगतान किया जाता रहा है,जिसकी शिकायत होने पर उन्हें वेतन भुगतान
बंद किया।
लगातार इनके द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरते जाने की शिकायत आ रही
है। जानकर शिक्षकों का मानना है कि यदि एन.पी. डाहिरे को उस कार्यालय से हटाकर जांच किया जाये तो कई मामले उजागर होंगे।
बहरहाल शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को ऐसे मामले को
संज्ञान में लेकर सूक्ष्मता से जांच किया जाना चाहिए और दोषी पाए जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना चाहिए।