भूमाफियाओं नें पहले गुपचुप तरीके से बनाई अस्सी फीट चौड़ी सड़क…फिर पाट दिया प्राकृतिक नाला…खनिज और राजस्व अधिकारी सवालों के घेरे में!

भूमाफियाओं के आगे क्यों नतमस्तक है जिला प्रशासन ?
खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर में भू माफियाओं के रोज नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं। राजस्व विभाग में भू राजस्व सहिंता की बलि चढ़ाने की खबरें और अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्र्टाचार की खबरें परत दर परत उजागर हो रही हैं। भूमाफिया और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ खबरें सामने आ रही है।
ताजा मामला बिलासपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर ग्राम अरईबंद तहसील तखतपुर का है जहां भूमाफियाओं ने राजस्व विभाग की नाक के नीचे और शासन के बिना परमिशन के ही शासकीय जमीन मे पत्थरचुरा डालकर 80 फिट चौड़ी और लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क बना दिया। सवाल यह कि आखिरकार कहां से आया इतने बड़े पैमाने पर पत्थरचुरा खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे अनदेखा क्यों किया!
ये वही भूमाफिया है जो अरईबंद मे सैकड़ो मीटर लंबा प्राकृतिक नाला को पाट कर भूमि को समतल करनें का कारनामा कर दिखाया है। यह प्राकृतिक नाला नयापारा अरई बंद से निकल कर तीन गांव से होते हुए मनियारी नदी से मिलता है। इस मामले पर खनिज विभाग ने पोकलेन मशीन सील कर दी थी।
भूमाफियाओं ने राजस्व नियम कानून को ताक पर रख कर शासन और ग्रामीणों को गुमराह करने के लिए दूसरी जगह से नाली भी खोद दिया ताकि नाले का पानी कोई तबाही ना मचाए और उस भूमि पर बड़े पैमाने में अवैध प्लाटिंग का खेल खेला जा रहा हैं। क्या कर रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी!
किसी ने सच ही कहा है कि बाप न बड़ा भैया,सबसे बड़ा रुपैया,,यह कहावत कांग्रेस सरकार मे बैठे अधिकारियों व चुनाव जीतने के लिए दुख सुख में साथ देने का वादा करके भूल जाने वाले जनप्रतिनिधियों पर सटीक बैठता है।
फिलहाल देखना यह होगा कि 80 फीट सड़क निर्माण और प्राकृतिक नाले को पाट देने वाले व भू राजस्व सहिंता के साथ खिलवाड़ के जिम्मेदार भूमाफियाओं पर राजस्व अधिकारी कोई वैधानिक कारवाई करते है या नहीं!