खनिज सचिव जी ध्यान दें…खनिज अधिकारी के मौखिक परमिशन पर हो रहा रेत का अवैध खनन और परिवहन!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। खनिज विभाग और उसके मनमौजी अधिकारियों की उदासीनता के चलते एक बार फिर रेत अवैध खनन का मामला गढ़वट पंचायत से सामने आया है। जहाँ खारुन नदी से रेत का अवैध खनन बदस्तूर जारी है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत गढ़वट से होकर निकलने वाली खारुन नदी के सरवन दहरा से उप सरपंच द्वारा रेत का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है पूछने पर खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा मौखिक परमिशन दिया जाना बताता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जिला खनिज अधिकारी को फोन लगाकर बताया गया तो उन्होंने खनिज निरीक्षक राहुल गुलाटी को फोन लगाने कह कर फोन काट दिया। खनिज निरीक्षक राहुल गुलाटी फोन नहीं उठा रहे हैं। सहायक खनिज अधिकारी अनिल साहू भी फोन नहीं उठा रहे हैं। तो देखा आपने खनिज विभाग के तीन जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने उदासीन हैं।
फिर ग्रामीणों नें रेत चोरों के खिलाफ 112 मतलब पुलिस को फोन किया 112 की टीम मौके पर पहुंची किन्तु खनिज विभाग का मामला है कहकर वापस लौट गई। तो देखा आपने की ग्रामीणों की जागरूकता पर किस तरह खनिज विभाग के अधिकारियों और पुलिस नें अपनी उदासीन कार्यप्रणाली से पानी फेर दिया।
बात यहीं खत्म नहीं होती अब रेत चोरों नें जागरूक ग्रामीणों के खिलाफ थाने में गुंडागर्दी की लिखित शिकायत करते हुए उनके जागरूक होने पर रोक लगाने का बीड़ा उठाया है।
ग्राम पंचायत के सचिव नें बताया कि सहायक खनिज अधिकारी को प्रस्ताव देकर आए हैं और फिर रेत का खनन किया जा रहा है। लिखित अनुमति नहीं है।
देखना होगा कि रेत चोरों की करतूतों पर खनिज विभाग, पुलिस वाले कार्यवाही करते हैं या फिर ग्रामीणों की जागरूकता भविष्य में गांधी जी के तीन बंदरों की तरह हो जाती है।
बहरहाल खनिज संपदा को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है किंतु शासन नें विभागवार मयवेतन अधिकारियों कर्मचारियों की नियुक्ति की ताकि वो ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करें किन्तु इस मामले नें एक बार फिर शासन प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किया है जरूरत है ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कसने की ताकि भविष्य में खनिज संपदा का अवैध खनन परिवहन पर रोक लगे ग्रामीणों की जागरूकता को बल मिले और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो।