आरआई और पटवारी से परेशान भू स्वामी… नक्शे से जमीन गायब करनें की दी जाती है धमकी!

बिलासपुर। इन दिनों बिलासपुर राजस्व विभाग के एक आरआई और पटवारी सुर्खियों में बने हुए हैं उनके खिलाफ शिकायतों का अम्बार लगता जा रहा है। ऐसा लगता है कि उन्हे उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, तभी तो उनके द्वारा भू राजस्व सहिंता में दिए गए नियमों के तहत कार्य करने की बजाय मनमानी करने पर आमादा हैं।
इन पर आरोप है कि ये रसूखदार भूमाफियाओं के साथ मिलकर भोले भाले लोगों की नम्बरी जमीन पर कब्जा कराते हैं और फिर उस भोले भाले व्यक्ति को मिट्टी के मोल जमीन बेचने को विवश कर देते हैं।
पीड़ित की शिकायत पर तहसीलदार सीमांकन का आदेश दे भी दें तो ये दोनों अपना काम सही ढंग से ना करते हुए पीड़ित को ही धमकाते नजर आते हैं।
इनकी करतूतों की शिकायत कलेक्टर, एसडीएम, और तहसीलदार से किए जाने के बाद भी इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। नियम कायदे से परे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
कुछ पीड़ित लोग पिछले तीन साल से इनकी मनमानी की वजह से बेवजह तहसील न्यायालय, एसडीएम न्यायालय, और कलेक्टर न्यायालय का चक्कर लगाने मजबूर हैं।
किसी दस्तावेज के लिए इनके कार्यालय जाने पर ये जानबूझकर घंटो इंतजार कराते हैं यदि पीड़ित नें अपने अधिकार की बात कही तो उसे धमकी दी जाती है कि नक्शे से तुम्हारी जमीन को ऐसा गायब किया जाएगा कि कोई उसे खोज नहीं पायेगा।
दर्जनों पीड़ित इन दोनों की कार्यप्रणाली से परेशान हो गए हैं उन्हें अब ऐसा लगने लगा है कि शासन नाम की व्यवस्था कागज़ों में ही सिमट कर रह गई है। अब उनकी खून पसीनें से खरीदी गई भूमि अब उन्हें कभी वापस नहीं मिल सकती यदि यही व्यवस्था रही तो!
ऐसे समय में जब एंटीकरप्शन ब्यूरो नें आय से अधिक मामले में की गई शिकायत पर एक तहसीलदार और पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हो तो भी आरआई और पटवारी शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के हिसाब से काम करने की बजाय अपने कार्यालय में ही काम करने के एवज में राशि की मांग करते नजर आते है इनको इस बात का भय नहीं यदि जांच हुई तो! जो राजस्व की लचर व्यवस्था पर अपने आप में एक बड़ा सवाल है।