बिलासपुर

कलेक्टर कार्यालय से…भ्र्ष्टाचार को नियंत्रित और सरकार के कार्य में पारदर्शिता लाने वाला, सूचना का अधिकार वाला सूचना बोर्ड गायब! भटक रहे नागरिक…

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना,भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना और वास्तविक अर्थों में हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है। यह कानून नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक बड़ा कदम है।

उक्त बातें किताबों में ही पढ़ने को मिलती है ऐसा इसलिए लिखा जा रहा है कि कल जब खासखबर की टीम ने बिलासपुर जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में आम नागरिकों के लिए बनाए गए सूचना के अधिकार 2005 के सूचना बोर्ड कहां लगाया गया है कि पड़ताल की फिर वहाँ उपस्थित कर्मचारियों से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यहाँ पर सूचना के अधिकार का बोर्ड नहीं लगा है जो लगा था उसे कलेक्टर साहब के कहने से हटा दिया गया है। वह बोर्ड अब कहाँ है जानकारी नहीं है।

कलेक्टर कार्यालय के ठीक पीछे जिला सूचना विज्ञान केंद्र स्थापित है जहाँ सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सूचना आयोग को भेजे गए द्वितीय अपील की सुनवाई होती है।

ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब कलेक्टर कार्यालय में ही जब नागरिकों को सशक्त बनाने वाला सूचना के अधिकार का बोर्ड नदारत है तो कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थापित अन्य विभागों के विभाग प्रमुख अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम का पालन करने के लिए कितने सजग होंगे।

सुधि पाठकों को बता दें कि ये वही कलेक्टर कार्यालय है जहाँ जिले भर से अलग अलग समस्या को लेकर पीड़ित जनता कलेक्टर बिलासपुर को ज्ञापन देने आती है।

सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को टीएल की बैठक होती है जिसमें शामिल होने जिले सहित तमाम विभाग प्रमुख अधिकारी आते हैं।

विभिन्न मुद्दों को लेकर जनता के प्रतिनिधि, विधायक, सांसद, भी कलेक्टर बिलासपुर से मिलने उनके कार्यकाल आते हैं।

जिले के प्रभारी मंत्री हर तीन महीने में समीक्षा बैठक लेने आते हैं।

ऐसे में जिले के मुखिया, राजस्व प्रमुख और जिला दंडाधिकारी कार्यालय में नागरिकों को सशक्त बनाने वाला सूचना के अधिकार का बोर्ड का नदारत होना या नहीं लगाया जाना अपने आप में बड़ा सवाल खड़े करता है और उससे बड़ा सवाल यह कि कलेक्टर के मातहत विभाग प्रमुख अधिकारियों को इससे क्या संदेश जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button