बिलासपुर

रेत माफिया के सामने घुटने टेक चुका है खनिज विभाग… रेत के सौदागरों और खनिज विभाग के बीच चल रही है नूरी कुश्ती!

रेत माफिया के सामने घुटने टेक चुका है खनिज विभाग

रेत के सौदागरों और खनिज विभाग के बीच चल रही है नूरी कुश्ती

अरपा मैंया का सीना छलनी कर, रेत की अवैध खुदाई करने वालों और खनिज विभाग के बड़े-बड़े ओहदेदारों के बीच शायद सलवा जुडूम हो गया है.. इसके तहत खनिज विभाग के चंद संदिग्ध (जिनका नाम ओपन सीक्रेट है)अफसरों ने रेत ठेकेदारों को इशारा कर दिया है कि, हम छुटपुट कार्रवाई करते रहेंगे.. तुम अपना काम जारी रखो

खनिज विभाग और अरपा नदी का गला घोट कर रेत का धंधा करने वाले सौदागरों के बीच क्या नूरी कुश्ती चल रही है..?

वरिष्ठ पत्रकार शशि कोन्हेर की कलम से

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर में जगह जगह अरपा नदी में चल रही रेत की अवैध खुदाई के खिलाफ अगर सही में खनिज विभाग व जिला प्रशासन और शासन कमर कस कर कार्यवाही करे। तो रोज लाखों रुपए कमा रहे जिले के रेत के सौदागरों की इतनी हिम्मत नहीं है कि वे सीधे-सीधे जिला प्रशासन और खनिज विभाग को ललकार कर कह सकें कि…… “हम रेत के लिए नदी की अवैध खुदाई और अवैध परिवहन डंके की चोट पर करेंगे…प्रशासन और खनिज विभाग में दम है तो हमें रोक ले..ऐसा कहने की हिम्मत बिलासपुर में सक्रिय किसी भी रेत के सौदागर में नहीं होगी। तब फिर खनिज विभाग की रेत चोरों पर लगातार कार्रवाई के दावों के बाद भी बिलासपुर जिले में रेत का जो अवैध व्यापार चल रहा है..वह सिर्फ इसलिए.. क्योंकि खनिज चोरी के अपराधियों और अवैध खुदाई कर अरपा नदी का सीना छलनी करने वालों के साथ खनिज विभाग नूरी कुश्ती खेल रहा है। जिसमें देखने वालों को यह जरूर लगता होगा कि खनिज विभाग तो अपनी ओर से कार्यवाही कर रहा है। लेकिन अगर खनिज विभाग अवैध रेत के धंधे को रोकने के लिए कमर कस ले तो कोई भी इस गोरखधंधे को और वह भी इतने धड़ल्ले से चला नहीं सकता।

आबकारी विभाग और शराब ठेकेदारों के “सलवा जुडूम” की याद दिला रही रेत के सौदागरों और खनिज विभाग के अधिकारियों के बीच, जिले में चल रही नूरी कुश्ती

बिलासपुर में कुछ साल पहले ही जब शराब ठेकेदार शराब बेचा करते थे। शराब की बिक्री में नियम कानूनों की परवाह करना कभी भी शराब ठेकेदारों का ना तो स्वभाव रहता है और ना वह उन्हें सूट ही करता है। लेकिन आबकारी विभाग को अपनी (दिखावटी ही सही) मूंछों पर ताव तो देना पड़ता था। इसलिए शराब ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अफसरों के बीच एक साइलेंट समझौता रहा करता था। इसके तहत ठेकेदार मनमाने ढंग से नियम कानून से परे शराब बेचा करते थे वहीं आबकारी विभाग आरोपी शराब ठेकेदारों से उनकी ही गाड़ियां मांग कर उस पर ही छापामारी के लिए निकला करते थे। फिर कहां-कहां छापा मारना है और किसी ने शराब जप्त तक करूंगा यह सब सलवा जुडूम आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार के बीच से हो जाता था।

कुछ ऐसा ही खेल बिलासपुर में खनिज विभाग और शासन-प्रशासन तथा रेत के तस्करों के खिलाफ बिलासपुर में चल रहा है। किसने रेत की चोरी करने वालों की रजामंदी से और उनके ही बताया मुताबिक खनिज विभाग बीच-बीच में कार्यवाही करते रहता है। लेकिन दोनों के बीच में एक ऐसे अलिखित समझौते की बू आ रही है जिसमें दोनों ने यह तय कर लिया है कि तुम अरपा नदी का सीना चीर कर छलनी कर रेत की अवैध खुदाई और परिवहन में बेधड़क लगे रहो। वही हम भी विभाग को दिखाने के लिए बीच-बीच में उतनी ही कार्यवाही करते रहेंगे जिससे ना तो रेत के सौदागर नाराज हूं और ना ही आम जनता में आक्रोश फैलने की कोई आशंका हो।

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