बिलासपुर

खुलेआम संचालित अवैध चखना सेंटर…आबकारी अधिकारियों की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण!

खासखबर छत्तीसगढ़ बगीचा का अनोखी शराब दुकान जहाँ शराब पीते हुए खाने के लिए चखना भी है और बेख़ौफ़ पीने और बैठने की जगह भी,अंग्रेजी शराब दुकान के कर्मचारियों की आबकारी अधिकारी से मिलीभगत का एक अनोखा मामला जो धृतराष्ट्र बने अधिकारियों की करतूतों को बेनकाब करने काफ़ी है, जरूरत है जिम्मेदार उच्च अधिकारियों को ऐसे मामलों पर त्वरित कार्यवाही कर शासन प्रशासन द्वारा बनाए नियम कायदों का पालन कराने की, तकि लोगों को शासन और प्रशासन के नियमों का पालन कराए जाने नियुक्त अधिकारी द्वारा कार्यवाही किए जाने का भरोसा हो।


जशपुरनगर बगीचा—जहाँ एक ओर सरकार अवैध शराब की बिक्री को लेकर काफी सजग हैं, वहीँ दूसरी ओर बगीचा के अंग्रेजी शराब दुकान के महज दस कदम की दूरी पर चखना दुकान का भव्य शुभारंभ करीब 10 दिन पहले किया गया है,आप इसे चखना दुकान ना बोलकर मिनी अवैध बार या मदिरालय भी बोल सकते हैं, क्योकि यहाँ उस प्रकार की सुविधाएं शराब प्रेमियों को मुहैया कराई जा रही हैं जो वैधानिक तरीके से बार में उपलब्ध कराई जाती है, मतलब आप अंग्रेजी शराब की दुकान से शराब लीजिये एवं 10 कदम की दूरी में जाकर अवैध चखना दुकान में आराम से मदिरापान का रसास्वादन कीजिये,वो भी निर्भीक होकर,कोलाहल कीजिये, अपशब्दों का खुला प्रयोग किजिए, एक से दो घण्टे तक मदिरा का रसास्वादन कीजिये,जब नशा का खुमार चढ़ जाए तो वहीँ मदिरा की खाली बोतल को तोड़िये,फिर अंगूर की बेटी का नशा जब खुमारी पे आ जाये तो वहाँ विश्राम की सुविधा भी हैं, ये तो है मुख्य मार्ग से लगे अंग्रेजी शराब दुकान के समीप चखना दुकान की हकीकत, और ये गोरखधंधा शराब दुकान के कर्मचारियों एवं सेल्समैन की सह पे ही किया जा रहा हैं, क्योकि शराब दुकान के बगल में जो शराब दुकान के कर्मचारी जिस कमरे में अपना खाना बनाकर खाते हैं, उसी कमरे मे शराब दुकान बंद होने के बाद चखना दुकान का सामान वहीं रखा जाता है, फिर वो कमरा अंडों ,मछली,मुर्गा, चना,डिस्पोजल से सुसज्जित हो जाता हैं, छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार शराब दुकान के 100 मीटर की दूरी में कोई भी चखना दुकान का संचालन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं, वहीँ बगीचा के अंगेजी शराब दुकान के बगल में चखना दुकान का ये खेल शासन के नियमो को अंगूठा दिखा रहा हैं, मजे की बात तो ये है कि आबकारी विभाग को मालूम होते हुए भी, चुप्पी साधना आबकारी विभाग की मिलीभगत की गवाही दे रहा है।

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