आरआई की शिकायत… सीमांकन करनें मांगती है धन!….किसान नें कलेक्टर से की लिखित शिकायत…

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। राजस्व विभाग में भृष्टाचार चरम पर है शिकायत आने पर ही इस बात का खुलासा हो पाता है कि फला अधिकारी ने काम के एवज में रुपए की मांग की है और रुपए नहीं मिलने पर उस आवेदक का काम ही नहीं किया गया।
ऐसा ही एक मामला राजस्व विभाग में पदस्थ कोनी क्षेत्र की आर आई सन्ध्या नामदेव का सामने आया है जिस पर कोनी के किसान राजकुमार यादव ने बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर सहित मुख्यमंत्री तक शिकायत की है। शिकायतकर्ता नें आरआई के खिलाफ लिखा है कि लगभग एक वर्ष पूर्व उन्होंने अपने पिता सीताराम यादव कोनी की भूमि जिसका खसरा न 374/2 का विधिवत सीमांकन करने आवेदन लगाया था जिसका आज तक सीमांकन नही हो पाया है जब किसान नें आर आई सन्ध्या नामदेव से सीमांकन के विषय पर पूछा तो आरआई द्वारा उससे रुपए मांगे गए और व्यवस्था नही होने पर सीमांकन नही होगा कहा गया ।
शिकायतकर्ता किसान राजकुमार यादव का कहना है कि वह बार बार सीमांकन की जानकारी लेने आर आई के दफ्तर का चक्कर काट कर थक गया लेकिन सीमांकन नहीं होने पर उसने बिलासपुर कलेक्टर से गुहार लगाई की उसके पिता की जमीन का विधिवत सीमांकन करा दिया जाए और पैसा मांगने वाली आर आई सन्ध्या नामदेव पर सख्त सख्त कार्यवाही की जाए।
हमनें आर आई संध्या नामदेव से उनका पक्ष जानने फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।
बहरहाल किसान पुत्र की शिकायत से साफ होता है कि जब तक सीमांकन किए जाने की रकम नहीं मिलती तब तक किसान की जमीन का सीमांकन नहीं किया जाता,ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि शासन तनख्वाह किस काम की देता है?
क्या सीमांकन किए जाने शासन द्वारा कोई नगद शुल्क लिया जाना निर्धारण किया गया है?
क्या सीमांकन करने की कोई समयावधि शासन द्वारा निर्धारित की गई है?
यदि हाँ तो फिर इसका पालन, क्यों नहीं किया जाता?
इस मामले के सामने आने पर पूरा का पूरा राजस्व महकमा सवालों के कटघरे में आन खड़ा है जरूरत है जांच कर कार्यवाही कि ताकि आवेदक को शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भरोसा बना रहे और अधिकारी कम से कम शासन के नियमानुसार काम करें।
एक सवाल
यदि किसानों की सीमांकन आवेदन पर बिना दान दक्षिणा कार्यवाही नहीं होती हैं तो क्या किसानों को शिकायत आवेदन लेकर कलेक्टर कार्यालय आना होगा!