ईमानदारी आज भी जिंदा है… एक पत्रकार ने सड़क पर बिखरे पड़े नोट थाने में जमा कर ईमानदारी की मिसाल पेश की।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। आपने ईमानदारी की मिशाल देते हुए बहुत से लोगों को बहुत बार सुना होगा हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसनें रास्ते पर बिखरे पड़े 500-200 के नोट, जिसे खुद को ईमानदार बताने वाले लोग लूटने में लगे थे, पत्रकार ने ईमानदारी दिखाते हुए ना केवल उन रुपयों को इकट्ठा किया बल्कि उसके असली मालिक तक पहुंचाने उन रुपयों को सिविल लाइन थाने में पुलिस के हवाले करते हुए। आवेदन के साथ रुपयों को जमा करा दिए। आप को बता दें कि वह शख्स लोक तंत्र के चौथे स्तम्भ का एक कलमकार है जिसनें एक अज्ञात शख्स के रुपयों को भीड़ द्वारा लूट लिये जाने से बचाया बल्कि अब देर सबेर वह उसके असली मालिक के पास भी होगा।
सिविल लाइन थाने के टीआई शनिप रात्रे ने बताया कि दिलीप अग्रवाल जो की एक निजी चैनल के पत्रकार है वो अपने कुछ कार्य के लिए प्रताप चौक से पोस्ट आफिस नेहरू चौक की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते मे डेंटल हॉस्पिटल के पास लोगो की भीड़ लगी हुई थी गाड़ी से उतर कर देखा तो सड़क पर 500-200 के नोट बिखरे हुए थे जिसे लोग उठाने की कोशिश कर रहे थे तब उन्होंने उन रुपयों को उठा कर इकठ्ठा किया और रुपयों को असली मालिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से रुपयों को (करीब 19830 रु.) थाना सिविल लाइन में जमा कर दिया ये पैसे जिसके भी है पुलिस के द्वारा उसकी तस्दीक कर उन तक पहुंचाया जाएगा।
टीआई शनिप रात्रे ने बधाई देते हुए कहा है कि दिलीप अग्रवाल द्वारा बहुत ही नेक और अच्छा कार्य किया गया है उनकी ईमानदारी और कार्य सराहनीय है।
खासखबर भी दिलीप अग्रवाल को इस नेक और ईमानदारी भरे कार्य के लिए बधाई देता है।