बिलासपुर

शहर में सनसनी फैला रहा एक पाम्पलेट जिसमें…नामांतरण, सीमांकन,फौती,बटवारा कराने, किया जा रहा दावा…राजस्व विभाग कुम्भकर्णीय नींद में!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। एक पाम्पलेट राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आ रहा है। सही है कि ग़लत ये जांच का विषय है किंतु आज लोग राजस्व कार्यालय,तहसील कार्यालय और पटवारी कार्यालय का चक्कर इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि जो काम शासन के नियमानुसार निर्धारित समय सीमा में तय शुल्क पर हो जाना चाहिए उसके लिये इन्हीं कार्यालयों के इर्दगिर्द जमे दलालों द्वारा अधिकारियों के नाम पर अनाप शनाप रुपयों की मांग की जाती है और रुपए देने के बावजूद तय समय सीमा पर काम भी नहीं किया जाता।

शायद किसी पीड़ित नें शासन प्रशासन की पोल खोलने वाला पाम्पलेट छपवाया है जिसमें नामांतरण, सीमांकन, फौती, बंटवारे की सेवा का ज़िक्र करते हुए बाकायदा मोबाईल नम्बर दिया गया है। दरअसल राजस्व विभाग के अफसर और स्टाफ अब चैतू -बैशाखू की सुनते नही अगर सुनते हैं तो केवल बिल्डरों और रसूखदारों की।

यही वजह है कि अब राजस्व विभाग और उनके अधिकारियों का चक्कर लगाने की बजाय परेशान लोग इनसे संपर्क साधें, इसलिए बकायदा दीवारों पर पाम्पलेट्स चस्पा कर ये सेवा दे रहे। हालांकि अभी पाम्पलेट में किसी दुकान या ऑफिस का एड्रेस नहीं दिया गया है।

मामला कुछ ऐसा है कि पिछले कुछ दिनों से शहर के कई व्यवसायिक संस्थानों के काउंटर में बोर्ड और मोहल्लों की दीवारों पर इस तरह के पाम्पलेट दिखाई दे रहे। पटवारी कार्यालय के बाद अब यह नया उपक्रम सामने आया है।

सवाल यह उठता है कि कोई निजी व्यक्ति इस तरह का दावा कैसे कर सकता है कि वह फौती, नामांतरण, कब्जा दिलाने, नजूल से नक्शा पास कराने, फर्द बटवारा, अवैध नाम दर्ज शून्य करा देगा।

पाम्पलेट में शायद जगह कम होने की वजह से और लिखवाना सम्भव नही हुआ इसलिए अन्य कार्यों का हवाला नहीं दिया गया है।

ऐसे पाम्पलेट राजकिशोर नगर शनि मंदिर के पीछे सामुदायिक भवन की दीवार और एक भूमि के कब्जे के दावे वाले बोर्ड पर भी चिपका हुआ है।

वैसे तो यह पाम्पलेट शासन प्रशासन के गाल पर करारा तमाचा है फिर भी देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेकर जांच कर सच्चाई जनता के सामने लाकर पाम्पलेट छपवाने वाले और डाले गए मोबाईल नम्बर की जांच कर कार्यवाही करता है।

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