आधे अधूरे प्रधानमंत्री आवास निर्माण की होगी जांच…जिला पंचायत सीईओ नें दिया जांच का आदेश।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। खासखबर नें कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत टाटीधार में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आधे अधूरे आवास बनाए जाने की खबर बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित की थी। हमारा उद्देश्य आधे अधूरे प्रधानमंत्री आवास निर्माण के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को जिला प्रशासन तक पहुचानें का एवं विगत दो सालों से अधुरे आवास के पूर्ण होने के इंतज़ार में बैठे हितग्राहियों को योजना का पूर्ण लाभ दिलाने का प्रयास था।
खासखबर खबर की खबर का असर भी हुआ जिला पंचायत सीईओ नें इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जनपद पंचायत कोटा के सीईओ को पत्र लिखकर उपरोक्त मामले की 7 दिनों में जांच कर रिपोर्ट भेजने की बात कही है।
ना खिड़की, ना दरवाजा ना पलस्तर आधे अधूरे बने प्रधानमंत्री आवास योजना की मोनिटरिंग के जिम्मेदार पंचायत सचिव, पंचायत इंस्पेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, और जिला पंचायत अधिकारियों की लापरवाही और कलेक्टर को झुठी प्रोग्रेस रिपोर्ट देने की पोल खोलने काफी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान, बिजली कनेक्शन, स्वच्छ पानी,और स्वच्छता जैसे बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराया जाना चाहिए था किंतु आदिवासी बहुल क्षेत्र टाटीधार में ऐसे दर्जनों प्रधानमंत्री आवास अधिकारियों की लापरवाही से आधे अधूरे पड़े हैं जिसका लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पाया है।
आदिवासी बहुल क्षेत्र टाटीधार में निवासरत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के हितग्राहियों की मानें तो ग्राम पंचायत द्वारा आवास निर्माण हेतु ठेके पर दिया गया था किंतु ठेकेदार द्वारा आवास की सम्पूर्ण राशि बैंक से आहरित कर ली किंतु आवास पूरा नहीं कराया गया।
तस्वीरों में साफ नजर आता है कि प्रधानमंत्री आवास में ना ही दरवाजे लगाए गए हैं ना ही खिड़कियों को लगाया गया है। इतना ही नहीं दीवारों पर पलस्तर का कार्य भी नहीं किया गया है। ऐसे में योजना की मॉनिटरिंग करनें वाले जिम्मेदार अधिकारियों अपने उच्च अधिकारियों को गलत और झुठी प्रोग्रेस रिपोर्ट भेज कर अपने कर्तव्यों के पालन में घोर लापरवाही बरती है।
मालूम हो कि जिले के मुखिया कलेक्टर बिलासपुर प्रत्येक मंगलवार कलेक्टोरेट के मंथन सभा कक्ष में टीएल की बैठक लेकर शासन की तमाम योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट लेते हैं ऐसे में जनपद और जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर बिलासपुर को भी झुठी रिपोर्ट पेश कर उनकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
कलेक्टर बिलासपुर को जिले के मुखिया होने के नाते, खबर की सत्यता परखने और प्रधानमंत्री आवास योजना में पलीता लगाने वाले लापरवाह अधिकारियों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट की सच्चाई जानने जनपद पंचायत कोटा के ग्राम पंचायत टाटीधार जाना चाहिए ताकि उन्हें भी अपने जिले के सुदूर अंचल में रहने वाले आदिवासियों की पीड़ा और प्रधानमंत्री आवास योजना की जमीनी हकीकत दिखाई दे।