बिलासपुर

धान खरीदी केंद्र में हो रही गड़बड़ी… टोकन प्राप्त किसानों का “बिना तौल” खरीद लिया धान! जांच से होगा सनसनीखेज खुलासा।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी की शिकायत आम तौर पर आती रहती है।लेकिन बेलगहना धान खरीदी केंद्र में किसानों को टोकन जारी कर बगैर तौल धान खरीदी का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी को लेकर शासन के आदेशों की अवहेलना खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर कर रहे हैं।

धान खरीदी केंद्र आदिवासी सेवा सहकारी समिति बेलगहना पंजीयन क्रमांक 3085 में खुलेआम शासन के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है एक तरफ जहां शासन के द्वारा किसानों को सुविधा प्रदान करने के लिए टोकन की व्यवस्था जारी की गई है ताकि किसान परेशान ना हो और किसान आसानी से अपने धान बेच सके लेकिन बेलगहना धान खरीदी प्रभारी के द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ मिलीभगत कर धान के टोकन में अनियमितता करते हुए 14 और 15 दिसम्बर 2020 को जारी टोकन के आधार पर किसान के धान को बिना तौल कंप्यूटर में खरीद लिया गया जबकि मौके पर धान का तौल ही नहीं किया गया,जानकारी के अनुसार फील्ड में अभी भी धान तौल के लिए रखा हुआ है। दूसरी ओर अन्य किसानों को जगह नहीं है कहकर वापस किया जा रहा है।

जानकारी ऐसी भी निकल कर आ रही है कि बहुत से किसान 1 माह पूर्व टोकन के लिए आवेदन किए हैं उनको अब तक टोकन जारी नहीं हो पाया है कारण पूछने पर उन किसानों से दुर्व्यवहार किया जाता है।

जबकि शासन स्तर पर धान खरीदी केंद्र के अधिकारी और कर्मचारी या शासन के द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी, तहसीलदार एसडीएम, उप पंजीयक बिलासपुर के द्वारा किसानों की समस्या की शिकायत मिलने पर समस्या का निराकरण नहीं किए जाने से खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर को बल प्रदान करता है।

जानकर हैरान है कि धान खरीदी में कुछ समय ही बचा रह गया है अगर उच्च अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए उपरोक्त गड़बड़ी की सूक्ष्मता से जांच करें तो बड़े खुलासे होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा की गई गड़बड़ी की जांच और कार्यवाही नहीं होने से किसानों का आक्रोश फूट सकता है।

जानकारी के अनुसार अभी लगभग 20000 कुंटल धान खरीदी होना शेष है किसानों की समस्या को देखते हुए तत्काल टोकन एवं फड़ की व्यवस्था बेलगहना धान खरीदी केंद्र में किया जाना किसानों के लिए हितकर होगा।

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