बिलासपुर

खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर की घोर लापरवाही उजागर… मुख्यमंत्री के हाथों हुए शिलान्यास का पत्थर… निर्माण स्थल की बजाय…SDO साहब के दफ्तर में खा रहा धूल…

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। किसी सरकारी काम के निर्माण की पहली शिला रखना मतलब शिलान्यास किया जाना होता और शिलान्यास के पत्थर को निर्माण स्थल पर आमजनता की जानकारी के लिए लगाया जाता है साथ ही साथ शिलान्यास का पत्थर गवाह बनता है उस निर्माण कार्य के लोकार्पण का लेकिन जल संसाधन विभाग की बात ही निराली है।

मतलब खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर इन दिनों अपने दो बैराज निर्माण को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है ऊपर से अब शिलान्यास का मामला अधिकारियों द्वारा की गई घोर लापरवाही को उजागर करने काफी है।

खारंग जल संसाधन संभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही का जीता जागता उदाहरण देखना हो तो चले जाइए खारंग जल संसाधन विभाग के एसडीओ कार्यालय यहाँ आप देखेंगे कि 3 जनवरी 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया पत्थर आज भी अरपा नदी में बैराज निर्माण स्थल पर नहीं लगाया गया है यह अभी तक SDO साहब के कार्यालय की शोभा बढ़ा रहा है। जबकि नियमतः उसे अरपा नदी के तट पर लगा होना चाहिए।

3 जनवरी 2021 को छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया नें लाल बहादुर शास्त्री स्कूल में बहुत से कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते शिलान्यास और लोकार्पण का शिलापट एसडीओ के दफ्तर में धूल खा रहा है।

आश्चर्य की बात यह है कि अरपा नदी पर बैराज बनाने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई मंत्री के आने की खबर पर आनन फानन में ठेकेदार को ले आउट दे दिया और तो और जल संसाधन मंत्री जी अपने लाव लश्कर और विभाग प्रमुख अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण कर लौट गए लेकिन किसी ने भी माननीय मुख्यमंत्री जी के हाथों किए गए शिलान्यास के पत्थर की कमी महसूस नहीं किया ना ही जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल पूछा गया कि निर्माण कार्य आरंभ होने जा रहा है शिलान्यास का पत्थर क्यों नजर नहीं आ रहा है।

जब हमने खारंग जल संसाधन संभाग के एसडीओ साहब से जानना चाहा कि बैराज निर्माण कार्य स्थल पर शिलान्यास का पत्थर निर्माण स्थल पर क्यों नहीं लगाया गया है तब उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा जवाब दिया उनका कहना था अभी लगाए जाने से लोग तोड़फोड़ देंगे।

अब एसडीओ साहब को कौन बताए कि साहब ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे सैकड़ों शिलान्यास के पत्थर उस कार्य के लोकार्पण के बाद भी सुरक्षित खड़े हैं। उदाहरण के रूप में अरपा भैसाझार में शिलान्यास का पत्थर देखा जा सकता है।

जरूरत है ऐसे गैर जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों को दंडित करने की जो शासन के नियमानुसार अपने काम के प्रति सजग और ईमानदार नहीं है नहीं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button