आखिर क्यों झूठ बोल रहे संकुल समन्वयक…प्रशिक्षण छोड़ डीईओ के साथ अचौक निरीक्षण का क्या है राज!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छ०ग० रायपुर के द्वारा जिले में संचालित पीएमश्री प्राथमिक शाला में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण दिनाँक 05/12/2024 से 07/12/2024 तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छ०ग० रायपुर में आयोजित किया गया है और प्रशिक्षण हेतु चयनित शिक्षकों को दिनाँक 05/12/2024 को प्रातः 9:30 बजे अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करना था।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छ०ग० रायपुर में प्रशिक्षण हेतु चयनित शिक्षकों की सूची में शैक्षिक समन्वयक मनोज सिंह ठाकुर सहा० शिक्षक का नम्बर 7 वें स्थान पर है और उन्हें जानकारी भी थी बावजूद इसके वो जिला शिक्षा अधिकारी टीका राम साहू के साथ स्कूलों का अचौक निरीक्षण कर रहे थे और तो निरीक्षण की फोटोग्राफ भी शिक्षा विभाग के ग्रुप में डाल रहे थे उनकी लापरवाही तब सामने आई जब उन्हें फोन कर बताया गया कि उन्हें तो रायपुर तीन दिवसीय प्रशिक्षण में जाना है और तुम डीईओ के साथ अचौक निरीक्षण कर रहे हो बावजूद इसके उन्होंने डीईओ का साथ नहीं छोड़ा लगभग 12:30 बजे अचौक निरीक्षण के बाद वो रायपुर प्रशिक्षण के लिए रवाना हुए।
मीडिया नें बिल्हा की प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुनीता ध्रुव से उनके बिजौर संकुल समन्वयक मनोज सिंह ठाकुर की लापरवाही बताकर उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका कहना था कि वो हमारे सीनियर अधिकारी के साथ थे इसलिए कुछ पूछने का सवाल ही नहीं होता।
मीडिया नें डीपीओ अनुपमा राजवाड़े से सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से फोन आया कि वह नहीं आए हैं तब मैंने फोन लगाकर उन्हें प्रशिक्षण में जाने की हिदायत दी। और यह एक गंभीर लापरवाही है।
वहीं खबर खास नें बिजौर संकुल समन्वयक मनोज सिंह ठाकुर को फोन लगाकर प्रशिक्षण छोड़ डीईओ के साथ अचौक निरीक्षण करनें की वजह पूछा तो साफ साफ झूठ बोल गए। उन्होंने कहा कि वो कल दस बजे प्रशिक्षण के लिए रवाना हो गए थे जबकि जिन स्कूलों का निरीक्षण डीईओ बिलासपुर द्वारा किया जा रहा था वह 10 बजे से 4 बजे तक संचालित किया जाता है। उनका झूठ तब पकड़ा गया जब मोपका संकुल समन्वयक और शिक्षकों नें बताया कि निरीक्षण 12:30 मिनट तक चला था।
मीडिया नें जिला शिक्षा अधिकारी टीका राम साहू का पक्ष जानने फोन लगाया किन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया।
फिलहाल सरकारी कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा कुछ नियम कायदे होते हैं और उन्हें उसका पालन करना होता है लेकिन संकुल समन्वयक को इन नियम कायदों की चिंता ही नहीं।
बहरहाल देखना होगा कि क्या शिक्षा विभाग में चल रही लचर व्यवस्था सुधारने राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद् छ०ग० रायपुर और जिला शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयक की लापरवाही पर कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।