एक सरकारी स्कूल जहाँ समय से पूर्व दे दी गई छुट्टी…दोषी कौन! प्रधान पाठिका…संकुल प्राचार्य या शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था?

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। जिला शिक्षा अधिकारी एवं बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित कुछ सरकारी स्कूलों में सरकारी नियम कायदे का पालन करना शिक्षक जरूरी नहीं समझते। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी पर लगाम लगाने कलेक्टर बिलासपुर नें भी एक कोशिश की थी बावजूद इसके शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भरारी में आज प्रधान पाठिका नें समय से पूर्व बच्चों को छुट्टी दे दी क्योंकि सात में से 6 शिक्षक छुट्टी पर थे। ऐसे में बच्चों को अध्यापन कार्य कराता कौन? सवाल यह कि आखिरकार सभी शिक्षकों को अध्यापन व्यवस्था किए बगैर एक साथ छुट्टी क्यों दे दी गई और अवकाश किसने स्वीकृत किया।
पूरा मामला कुछ इस तरह से है कि बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भरारी स्कूल में 255 बच्चे दर्ज हैं जिसमें आज त्यौहार की वजह से कुल 118 बच्चे पढ़ने आए थे।
अध्यापन कार्य हेतू कुल सात शिक्षकों में एक मात्र प्रधान पाठिका श्रीमती ज्योति मिश्रा ही आई थी। 10 से 04 बजे तक 6,7 और आठवीं कक्षा तक स्कूल संचालन होना था किंतु प्रधान पाठिका नें स्वास्थ्य गत कारणों से समय से पूर्व 3 बजे ही बच्चों को छुट्टी दे दी। उन्होंने संकुल प्राचार्य को अवगत कराना भी जरूरी नहीं समझा।
दीया तले अंधेरा
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भरारी से महज चंद कदम दूर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरारी है पूर्व माध्यमिक शाला इसके अंतर्गत आने की वजह से इस स्कूल की मॉनिटरिंग प्राचार्य द्वारा किया जाता है जानकारी के अनुसार प्राचार्य द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति पंजी अपने कार्यालय में रखा जाता है जहाँ जाकर शिक्षक और स्कूल का भृत्य हस्ताक्षर करते हैं। ऐसे में अध्यापन व्यवस्था को नजर अंदाज करते हुए स्कूल के 6 शिक्षकों की छुट्टी दे दिया जाना संकुल प्राचार्य की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है?
बहरहाल सरकारी शिक्षा और बदहाल व्यवस्था पर “समय से पूर्व छुट्टी का दिया जाना” सवाल तो खड़े करता है किंतु किसी भी कार्यवाही से पहले स्कूल का निरीक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाना जरूरी होगा?