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सुबह-सुबह दरवाजे पर दस्तक…”डर” लगता है साहेब!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर:- न्यायधानी में इन दिनों आय से अधिक संपत्ति जुटा कर रखने वाले सरकारी अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। वो मन ही मन कहते हैं कि सुबह सुबह दरवाजे पर होने वाली दस्तक से दिल की धड़कन बढ़ जाती है, फिर अनजाना सा डर लगता है साहेब!

कुछ दिन पहले शिक्षा के मंदिरों में पदस्थ शिक्षकों नें भी जिला शिक्षा अधिकारी के घर पर एन्टी करप्शन ब्यूरो का छापा पड़ने की खबर दनादन सोशल मीडिया पर वायरल होते देख, लोग खुसर फुसुर करनें लगे जितने मुँह उतनी बात। वही इस रेड नें एक बार फिर से विकास खण्ड,जिला और जेडी कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिया है। पता नहीं अब किसकी बारी आती है।

लोगों का कहना है कि ये तमाम अधिकारी रिश्वत लेने के लिए अपने अपने दलालों के माध्यम से तरह तरह के पैतरे अपनाते हैं। बिना रिश्वत कोई काम नहीं करते। फिर सवाल करते हैं कि एसीबी बिना किसी ठोस जानकारी के किसी भी ईमानदार अधिकारी के गिरेबान पर हाथ डालती है क्या?

शिक्षा विभाग के अधिकारी के घर पर आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी का अलसुबह छापा, कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है कि आखिरकार शिक्षा के मंदिरों के पुजारी के पास आय से अधिक संपत्ति आएगी कहाँ से,क्या यहाँ भी ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षकों से रिश्वत ली जाती है। किसी ने झूठी शिकायत तो नहीं कर दी और तबसे मामला पहले पायदान पर सुर्खियां बटोर रहा है। अभी भी कोई राजनीतिक षड्यंत्र बता रहा है तो कोई शिकायत पर छापामार कार्यवाही को सही बता रहा है।

अब यदि शिक्षा के पवित्र ज्ञान मंदिर के उच्च अधिकारी जो अपने शिक्षकों को बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने कहते हैं उनके ही घर पर आय से अधिक संपत्ति मामले पर एसीबी ने छापा मारा है, तो कोई बात तो होगी? वहीं कुछ शिक्षकों द्वारा इसे सही निर्णय बताया जा रहा है।

अब तक जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर बहुत से अधिकारी लोग बैठे हैं और एसीबी के छापे का सामना भी किया है, जांच लंबित है लेकिन फिर भी उनकी कुर्सी पर किसकी नजर है ये कहना थोड़ा मुश्किल है लेकिन कोई ना कोई तो बैठना चाहेगा, जो बैठेगा उसकी क्षवि कैसी होगी, ऐसा सवाल शिक्षकों की ओर से निकल कर आ रहा है देखना होगा कि एसीबी की जांच क्या रंग लाती,शिक्षा अधिकारी के पवित्र पद को सुशोभित करनें किसी को जिम्मेदारी मिलती है या नहीं?

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