बिलासपुर

बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक…हो रहा अवैध “उगाही” का शिकार!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर:- बिलासपुर जिले अंतर्गत चारों विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं वजह है शिक्षकों की परेशानी,यहाँ शासन के नियमों के विरुद्ध काम किया जा रहा है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग को काजल की कोठरी कहा जाता।

बिलासपुर जिला हमेशा से विवादित रहा। भृष्टाचार के कई बड़े बड़े मामले निकल कर सामने आए। कइयों पर गाज गिरी। लेकिन भृष्टाचार रुका नहीं।

जिले सहित विकास खंडों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों पर अपने ही शिक्षकों से अटैचमेंट,मेडिकल बिल,मातृत्व अवकाश, संतान पालन अवकाश, मध्यान भोजन, छुट्टी, जैसे मामलों में अवैध रूप से धन की उगाही की जाती है। मतलब आर्थिक भृष्टाचार और शासकीय धनराशि की लूट मची हुई है यहाँ से अजीबो गरीब मामले सामने आते रहे हैं।

जी हाँ विभागीय सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय तखतपुर में जमकर उगाही की जा रही है। यहाँ पदस्थ गिरोह अपने तरीकों से उच्च अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों की परिभाषा गढ़ लेता है और नियम विरुद्ध शिक्षकों से जमकर उगाही का कार्य कर रहा है।

पाठकों को बता दें कि यहाँ पदस्थ बीईओ प्रभारी हैं। शुरुआती दिनों में ये सहायक शिक्षक थे,फिर उच्च वर्ग शिक्षक, फिर सीएससी, फिर बीआरसी….. फिर 2023 में बीईओ बन गए।

सूत्र बतलाते हैं कि विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय में पदस्थ बाबू से लेकर अधिकारी द्वारा शिक्षकों से बड़े पैमाने पर उगाही की जा रही है लगभग 80% शिक्षक उगाही से परेशान हैं। शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है।

बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक,जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते भ्र्ष्टाचार की चपेट में आ गया है।

मामला

विभागीय सूत्र बताते हैं कि उगाही के लिए बीईओ नें मध्यान भोजन योजना में ऑडिट करनें जैसा एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। जिन स्कूलों में मध्यान भोजन योजना प्रधान पाठक चला रहे हैं उन्हें कार्यालय में बिल के साथ ऑडिट करनें के लिए बुलाया जाता है फिर मध्यान भोजन योजना में खर्च की गई राशि के बिल में तरह तरह की कमियां,खामियां निकाल कर उन्हें डराया धमकाया जाता है बेचारे प्रधान पाठक करे तो क्या करे “एक तरफ कुंआ दूसरी तरफ खाई” मुंह मांगा चढ़ावा चढ़ाकर शिक्षा व्यवस्था को कोसते चला जाता है।

क्रमशः …..!

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