शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम अधीक्षिका पर…पालकों नें लगाए गंभीर आरोप…!जाने क्या है पूरा मामला….।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर/ तखतपुर/ शासकीयआदिवासी कन्या आश्रम खपरी तखतपुर में पदस्थ अधीक्षिका की मनमानी, प्रताड़ना व लापरवाही से नाराज पालक अपने अपने बच्चों को लेकर आज आदिवासी विकास विभाग कार्यालय पहुंचे और अधीक्षिका के खिलाफ लिखित में शिकायत की और सहायक आयुक्त से मिलकर अपनी परेशानी बताई।आदिवासी बच्चों और पालकों को विभागीय कार्यालय में देखकर उपस्थित अधीक्षकों और विभागीय अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
शिकायत लेकर आए पालकों नें खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर की टीम से अपने बच्चों की पीड़ा इस तरह व्यक्त की। उनका कहना था कि 50 बच्चों के आश्रम में कुल 29 बच्चे दर्ज हैं वहीं आश्रम में लगभग 15 बच्चे उपस्थित रहते हैं। हॉस्टल की वार्डन प्रेमा डाहिरे पहली से पांचवीं कक्षा के निवासरत बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती हैं।
पालकों का आरोप था कि अधिक्षिका बच्चों को भरपेट भोजन नहीं देतीं। जिससे बच्चों को आधापेट भोजन से गुजारा करना पड़ता है ऊपर से आश्रम के काम करवाती है।पालकों नें बताया कि आश्रम में बच्चों को जरूरत के समान जैसे साबुन,तेल और कपड़ा धोने का पाउडर और साबुन तक घर से लेकर जाना पड़ता है।सुबह नाश्ता का नाश्ता जैसे सेवई में दूध की जगह पानी डालकर परोसा जाता है।
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया की मिलने पहुंचने पर बदतमीजी करती है और बीमार पड़े बच्चो का इलाज आश्रम में नही होता बल्कि फोन कर परिजनों को आश्रम बुलाती है और घर ले जा कर बच्चो का इलाज करने की सलाह देती है।
पालकों नें एक गंभीर आरोप लगाया कि अधिक्षिका द्वारा बच्चों के साथ मारपीट भी किया जाता है। जिसके कारण हम पालक बच्चों को आश्रम से निकालने के लिए मजबूर हो रहे है।इसी कारण कई बच्चे आश्रम छोड़कर जा चुके है..जबकि आश्रम में 29 बच्चे दर्ज है लेकिन रहते कम है…कुछ दहशत में घर चले गए है तो कुछ मैडम के आतंक की वजह से निकल कर घर चले गए है जो वापस लौट नहीं रहे है।
आपको बता दे
इस आदिवासी आश्रम में निवासरत प्रायमरी कक्षा के बच्चों से अधीक्षिका मारपीट करती है…मारपीट की वजह पालक बताते है बच्चे की अधिक्षिका का 35 हजार रुपए किसी ने आश्रम से चोरी किया था….जिसका इल्जाम अधीक्षिका ने बच्चो पर लगाया है…इस घटना के बाद से पारिजनो
में काफी नाराजगी बनी हुई है..पालकों नें कहा है की जब तक मैडम रहेगी तब तक बच्चों को आश्रम नही भेजा जाएगा…बल्कि ऐसे अधिक्षिका पर कार्रवाई होना चाहिए…..इधर पीड़ित बच्चो के साथ पहुंचे परिजनो ने आदिवासी विकास विभाग के AC सीएल जायसवाल से मुलाक़ात की…और पूरी घटना का सिलसिले से जिक्र किया…परिजनों ने सहायक आयुक्त से कहा की मैडम खाना कम देती है ,मारपीट करती है,प्रताड़ित करती है,चोरी का इल्जाम लगाती है…इसके अलावा और भी कई गंभीर आरोप आश्रम की अधीक्षिका पर लगाए…जिसे सुनकर सहायक आयुक्त ने शीघ्र जांच कर कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया…..
शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम खपरी तखतपुर की शिकायत मिली है…जिसकी जाँच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी…कल मैंने अधीक्षिका के खिलाफ शिकायत मिलने पर सहायक संचालक को भेजा था।
सीएल जायसवाल
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बिलासपुर
बहरहाल आदिवासी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जिस प्रकार शासन स्तर पर योजनाएँ चलाई जा रही है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सतत मोनिटरिंग की रिपोर्ट दी जा रही है, वह इन पालकों के कथन सुनकर मिथ्या प्रतीत होते हैं। सरकार योजनाएं इन आदिवासी बच्चों के उत्थान और अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए चला रही है बावजूद इसके इन मासूम आदिवासी बच्चों को लाभ नहीं मिलने पर शिकायत करने जिला मुख्यालय आना जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाहपूर्ण कार्यशैली और उदासीन रवैये का जीता जागता प्रमाण है जिस पर शासन को कठोर कार्यवाही करनें की आवश्यकता है।