कोटा वेलकम शराब फैक्ट्री प्रदूषण मामले में तहसीलदार ने की जांच! शिकायत पर लगी मुहर,अब कार्यवाही का इंतजार!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर/कोटा – कोटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित वेलकम शराब फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा फैलाई जा रही गंदगी वातावरण को प्रदूषित करनें की शिकायत कुछ दिनों पहले स्थानीय प्रशासन से की गई थी।
प्रबंधन की लापरवाही और मनमानी के चलते पीपरपारा के स्कूली छात्र छात्राएं तीक्ष्ण दुर्गंध से स्वास्थ्य गत रूप से परेशान थे। साथ ही वेलकम प्रबंधन द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी व मनमानी से ग्रामीण भी परेशानी झेल रहे है तमाम प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायतें और मिडिया में लगातार शराब फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही उजागर होने के बाद एसडीएम के निर्देश पर रतनपुर तहसीलदार नें चार दिन पहले प्रबंधन और ग्रामीणों को लिखित सूचना देकर इसकी जांच की है।
जांच अधिकारी ने मीडिया को बताया कि जांच में प्रबंधन की मनमानी और की गई शिकायत सही पाया गया। वेलकम फैक्टरी प्रबंधन द्वारा बहाया गया अपशिष्ट व उसका बदबूदार पानी 2 से 3 किलोमीटर तक फैला हुआ है जिस वजह है वातावरण में बहुत अधिक बदबूदार हवा फैली हुई है तथा स्कूल के करीब खराब मटेरियल बहाया जा रहा है जिससे बच्चों के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड रहा है। साथ ही ग्रामवासी भी बदबूदार हवा में सांस लेने मजबूर है।
छेरकाबांधा स्थित वेलकम डिस्टलरीज प्रा.लि. नें खुद को बचाने,जांच में गये नायब तहसीलदार को पर्यावरण विभाग से एनओसी मिलने की बात कही
लेकिन लिखित आदेश के दस्तावेज नही दिखा पाए। अगर दिखा भी देते तो पर्यावरण विभाग सवालों के घेरे में आ जाता क्योकि मामला गम्भीर है जो बच्चों और ग्रामीणों के स्वास्थ से सीधा जुडा हुआ है।
पर्यावरण विभाग नें
इनको एनओसी फैक्ट्री पर्यावरण नियमों के अंतर्गत चलाने की दी गई है ना कि वातावरण में गंदगी और बदबू फैलाने को?
अब सवाल ये भी उठता है कि कई दिनों से यह मामला मिडिया में आ रहा उसके बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल प्रदुषण नियंत्रण विभाग बिलासपुर में पदस्थ अधिकारी उदासीन बने हुए हैं?
गंभीर सवाल- शराब फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के मामले में पिछले कई दिनों से सुर्खियां बटोर रही थी इसके बाद भी क्षेत्रीय पर्यावरण और प्रदुषण नियंत्रण विभाग नें इस गंभीर मामले की जांच करना भी मुनासिब नही समझा?