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वेलकम शराब फैक्टरी मामले में जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला… एसडीएम ने कहा आबकारी को लिखेंगे…बीईओ नें एबीईओ को कहा…पर्यावरण के अधिकारी फोन नहीं उठा रहे, ऐसे प्रदूषित वातावरण में आखिर देश का भविष्य कहे जाने वाले नवनिहालों का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।संवैधानिक अधिकार के मुताबिक सरकार का उत्तरदायित्व है कि सभी नागरिकों को स्वच्छ और हितकर पर्यावरण मुहैया कराए इससे लिए सरकार ने पर्यावरण संरक्षण मंडल की स्थापना कर जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति की है लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते ऐसा हो नहीं रहा है ये हम नहीं वरन पूर्व माध्यमिक शाला लारी पारा सरकारी स्कूल की शाला प्रबंधन समिति नें वेलकम डिसलरी को लिखित शिकायत पत्र सौप कर पर्यावरण से संबंधित गंभीर आरोप लगाते हुए उसे दूर करनें कहा है।

समिति का आरोप है कि स्कूल के छात्र पिछले कई सालों से शराब फैक्ट्री से निकलनें वाले अपशिस्ट प्रदार्थ की बदबू से बहुत ज्यादा परेशान हो रहे है। पढाई के साथ उनका माध्यान्ह भोजन में भी प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य संबंधी शिकायत जैसे सिरदर्द के साथ उल्टी और वायु प्रदुषण की मार, स्कूल के छात्र,शिक्षक और शाला प्रबंधन समिति झेल रही है।

शाला प्रबंध समिति ने वेलकम शराब फैक्टरी प्रबंधन को सौपे गए पत्र की एक एक प्रतिलिपि एसडीएम कोटा और विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोटा को सौपते हुए निजात दिलाने की गुहार लगाई है।

ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर नें जब एसडीएम कोटा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका कहना था कि आबकारी विभाग को जांच के लिए लिखेंगे क्योंकि डिसलरी उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। अपने पाठकों को बतलाते चलें कि समिति ने एक प्रतिलिपि एसडीएम कोटा को भी दी है।

वही विकास खंड शिक्षा कार्यालय कोटा के बीईओ नें एबीईओ को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा है।

बहरहाल ऐसा लगता है कि वेलकम शराब फेक्टरी प्रदूषण मामले को स्थानीय प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं नहीं लिया जा रहा है जिम्मेदार मामले को एक दूसरे पर टाल रहे हैं।

ऐसे में जिम्मेदार विभाग छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के जिम्मेदार अधिकारी जिन्हें कम से कम खबर को संज्ञान में लेकर एक निरीक्षण किया जाना था वो कुम्भकर्णीय नींद में हैं उन्हें मामले से अवगत कराने फोन किए जाने पर फोन नहीं उठा रहे ऐसे उदासीन अधिकारियों चलते ही प्रबंधन को बल मिलता है और शिकायत कर्ताओं का शासन प्रशासन से भरोसा उठने लगता है ऐसे में आखिर देश का भविष्य कहे जाने वाले नवनिहालों का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

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