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एपिसोड-2 ‘क्रेडा’ बिलासपुर में उद्यान जीर्णोद्धार के नाम,करोड़ों के काम…अधिकारी और ठेकेदार के बीच चल रहा लिपकीय त्रुटि और संशोधन आदेश का खेल!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ‘क्रेडा’ बिलासपुर में उद्यान जीर्णोद्धार के नाम पर मुख्यालय रायपुर से दो टेंडर किए गए। निविदा स्वीकृति के बाद निविदा क्रमांक 5985 (27/08/2020) और 86373 (03/11/2021) पर वर्क ऑर्डर जारी कर तय नियम शर्तों के तहत करोडों के कार्य कराया जाना था किंतु अधिकारियों की उदासीनता कहें या मिली भगत या फिर भ्र्ष्टाचार का नमूना, टेंडर स्वीकृत के बाद कार्यो को लगभग 80 टुकड़े में बांट कर वर्क ऑर्डर जारी किया गया। एक एक वर्क ऑर्डर में 1 से लेकर 3,5,7,9,19,40 कार्य जारी किए गए हैं। वर्क ऑर्डर में कार्यों को इतने छोटे छोटे टुकड़े में विभाजित किया गया है जो चीख़ चीख कर भ्र्ष्टाचार किए जाने की गवाही देते नजर आता है।

भ्र्ष्टाचार होने का संदेह तब सामने आया जब वर्क ऑर्डर जारी हो गए और उसके बाद अधिकारियों की सरपरस्ती से ठेकेदार द्वारा धड़ाधड़ लिपिकीय त्रुटि का पत्र लिख लिख कर जारी वर्क ऑर्डर की राशि में नियम विरुद्ध संशोधन आदेश जारी करवानें लगा और अब भी अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को चूना लगा रहा है।

जबकि जिम्मेदार तनख्वाहखोर अधिकारियों को नियमानुसार ठेकेदार द्वारा वर्क ऑर्डर में जारी तय समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं किए जाने पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए था ऐसे दर्जनों कार्य थे जो तय समय सीमा के काफी बाद भी आधे अधूरे पड़े थे तब ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करना था किन्तु अधिकारी कार्य की तय कीमतों को रिवाइज कर काम करा रहे थे।

ऐसे में सवाल खड़े होना लाजमी है कि क्या करोड़ों के काम के लिए पीस वर्क में कार्यादेश जारी कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है?

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ‘क्रेडा’ के अधीन क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर में ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर में करोड़ों रुपये स्वीकृत कर जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है। करोड़ों रुपए के स्वीकृत इस कार्य के लिए ग्लोबल टेडर आमंत्रित किया गया था। निविदा खुलने के बाद काम के लिए एक ही कार्यादेश जारी होनी थी। वहीं हैरान करने वाला तथ्य यह है कि इस काम के लिए किस्तों में अब तक करीब 80 कार्या देश जारी किया गया हैं। ये सब कैसे हुआ इस पर बात करने से जिम्मेदार कतरा रहे हैं। इतना ही नहीं कार्यादेश जारी होने के बाद ठेकेदार ने तय समय पर कार्य को पूरा नहीं किया। इस पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगाना तो दूर क्रेडा के अफसर इन पर इतने मेहरबान कि कार्यादेश में जारी कीमतों को रिवाइज कर बढ़ा दिया गया है। इस पर भी तड़का ये कि शासन के तय एसओआर से ज्यादा कीमत स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया गया है। उसे फिर से रिवाइज कर बढ़ा दिया गया है। ऐसा एक या दो बार नहीं कई बार किया गया है। ऐसे ही पूरे मामले का खुलासा हम किश्तवार करने जा रहे हैं।

आज की स्टोरी-2

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा क्षेत्रीय कार्यालय ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर ने यंगस्टर्स सीटिंग एरिया सिविल कार्य के लिए 27 सितम्बर 2021 को मेसर्स वन्या लैंड स्केपिंग एवं हार्टीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड रायपुर एंड डिजाइन सेल (कंसोर्टियम ) रायपुर शाप नंबर 10 साव काम्पलेक्स गुरु नानक चौक एमजी रोड रायपुर को कार्यादेश जारी किया था। कार्यादेश के बाद ठेकेदार को कुल 15 काम को 90 दिन की अवधि में पूरा कर लेना था। कार्य आरम्भ होने के एक माह बाद ठेकेदार छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा बिलासपुर को 26/10/2021 में पत्र लिखकर बताता है कि प्रस्तुत प्राक्लन में त्रुटिवश pilling संख्या 96 की जगह 3 अंकित हो गया है। इसके बाद ठेकेदार पर मेहरबान कार्यपालन अधिकारी ठेकेदार के पत्र लिखने के दूसरे दिन ही यानि
27/10/ 2021 को संशोधित कार्यादेश जारी कर pilling संख्या 3 से बढ़ाकर 96 कर देता है। पूर्व में जारी वर्क आर्डर में कुल आदेशित राशि 924644 से बढ़कर 10,10,957 हो जाती है।

यहां पाठकों को बताया जाना लाजमी है कि यहाँ भी एसओआर रेट में pilling की कीमत 776 रुपए है जबकि यूनिट में 928 रुपए ऐसे में 3 pilling से 96 pilling में संशोधन किया जाना, प्राकलन तैयार करने वाले इंजीनियर की लापरवाही है जो आश्चर्य जनक है।

ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि नियमों के विपरीत जाकर यह संशोधन एक दिन में करना अधिकारी के लिए कैसे सम्भव हुआ, इसका जवाब तो जिम्मेदार अफसर ही दे सकते हैं?

क्रमशः…

सवाल:- करोड़ों का काम हो रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों नें उद्यान के बाहर आम जनता की जानकारी के लिए एक “सूचना पटल” लगाना जरूरी नहीं समझा कि कितने लागत का और क्या क्या काम कराया जा रहा है? क्या छुपाया जा रहा है?

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