मां नर्मदा की पावन धरा अमरकंटक में ओशो सन्यासियों का महाकुम्भ,समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया जी के सानिध्य में अध्यात्म की बह रही गंगा।

अमरकंटक की धरा . सिद्ध क्षेत्र मां नर्मदा जी के तट में .. ओशोधारा के 300 प्यारे सन्यासियों के साथ.. समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया जी के सानिध्य में.. मंगल उपनिषद पर गूढ़ चर्चा ही..स्वयं मंगलमय है।
अमरकंटक पुण्य क्षेत्र में ओशो शन्यासियों का महा कुम्भ।
अमरकंटक में अध्यात्म की बह रही गंगा। निरंकार,ओंकार,नूर से कर रहे साक्षात्कार।
खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर/अमरकंटक- तपस्वियों,महात्माओं और साधु संतों की तपोभूमि अमरकंटक में समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया जी के सानिध्य में योग्य आचार्यों के मार्गदर्शन में ध्यान एवं निरती समाधि के कार्यक्रम साधक सन्यासी कर अपना जीवन रूपांतरित कर रहें हैं।
30 अप्रैल को उद्घाटन के बाद 1 मई से 6 मई तक शिविर आयोजित है। यहाँ देश विदेश सहित भारत के कई प्रान्तों और जिलो से सन्यासी साधक पहुचें है।
समर्थगुरु के साथ सोनमुडा, माई की बगिया, और गुरु कबीरदास जी की तपस्थली कबीर चबूतरा जहां कबीरदास साहब ने गुरु नानक देव जी को नामदान दिया था। और यहीं से ओशो धारा के अध्यात्म की गंगा भी बह निकली जब सद्गुरु सिद्धार्थ औलिया जी ने 4/4/1998 रामनवमी के दिन 21 साधक सन्यासियों को नामदान ओंकार दीक्षा उसी बट वृक्ष के नीचे दी थी जहां कबीरदास जी ने नानकदेव जी को दी थी। और आज 3/5/2023 को उसी क्षेत्र में समर्थ गुरु अपने 300 सन्यासियों के साथ उस आत्म संस्मरण को साझा करते हुए उत्सव मनाते हुए अपने साधको को उपदेश दिया।
आज 70000 ओशो सन्यासियों की संस्था समर्थगुरु सिद्धार्थ आलिया सरकार के सानिध्य में अपना जीवन रूपांतरित कर जीवन के उद्देश्य और परम सत्य को जान समझ रहे है।
दिव्य सिद्ध क्षेत्र मां नर्मदा के उद्द्गम स्थल अमरकंटक में ओशोधारा के आकाश में भगवान भास्कर की तरह दैदीप्यमान समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया जी के आगमन से यह धरा हरी भरी हो गई है। यहां समर्थगुरु के सानिध्य में 6 दिन तक ध्यान एवं निरती समाधि के साधना की आध्यात्म की गंगा बह रही है । देश विदेश से आये 300 साधक, सन्यासी उसमें गोते लगा रहे है।
शांति कुटी के महराज अनंत श्री बिभूषित महंत शांत शिरोमणि श्री रामभूषण दास जी महराज के कृपा सानिध्य सहयोग को सभी ओशोधारा सन्यासी पाकर अविभूत हो रहे हैं।