पहले चोरी, फिर कम दाम में बेचने…ग्राहक की तलाश…मास्टर प्लान फेल…धरे गए शातिर…चले गए जेल!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। आंकड़े बताते हैं कि अपराध हर पल हो रहा है जुर्म दर्ज करनें से पहले और जुर्म दर्ज करने के बाद भी अपराधियों की दुनियां में अपराध को जन्म देने वाले अपराधी भले ही कितना शातिर हो लेकिन कानून के रखवालों की चौखट पर जुर्म की दस्तक होते ही वो अपराधियों की तलाश में जुट जाते हैं फिर देर सबेर अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होता है और फिर सलाखों के पीछे पश्चाताप भरे दिन गिनता है। जबकि सच्चाई यह है कि अपराधियों द्वारा किए गए जुर्म कभी ना कभी उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा देता है। फिर भी अपराधियों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है।
भले की जुर्म की दुनियां के शातिर अपराधी जुर्म की कितनी बढ़िया प्लानिंग कर लें लेकिन देर सबेर पुलिस के चुंगल में आ ही जाते हैं। ऐसे ही मोटरसाइकिल चोरी मामलों में तारबाहर थाना अंतर्गत तीन शातिर आरोपियों इतियल पीटर पिता पीटर मशीह उम्र 28 वर्ष निवासी कस्तूरबा नगर सिविल लाइन बिलासपुर,अनिल पांडे पिता स्वराज पांडे उम्र 30 वर्ष निवासी पारिजात कॉलोनी सिविल लाइन बिलासपुर,और संगम मानिकपुरी पिता दुखीराम मानिकपुरी उम्र 20 वर्ष निवासी दैजा तखतपुर को विश्वास था कि पुलिस बाइक चोरी के घटनाओं को लेकर उन तक कभी नहीं पहुंच सकती को पुलिस टीम नें गिरफ्तार किया है।
दूसरी तरफ चोरी की वारदात को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बिलासपुर,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर),नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।
इस बीच आरोपियों इतियल, अनिल और संगम के द्वारा चोरी की बाइक को बहुत कम दाम में बिक्री करने के लिये ग्राहक की तलाश की जा रही थी जिसकी सूचना पर ACCU और थाना तारबाहर पुलिस टीम द्वारा तत्काल रेड किया गया आरोपियों के पास 4 पल्सर, 3 डीलक्स, 2 स्प्लेंडर, 1 एक्टिवा, 1 सीबीजी मोटर साइकल मिली। उक्त मोटर साइकल रखने के संबंध में आरोपियों को नोटिस दिया गया,तीनो आरोपियों ने कोई भी दस्तावेज नही होना लिखित में दिया, इन मोटरसाइकिल में CG 22, CG 11, CG10 RTO पासिंग हैं, उक्त मोटरसाइकिल की और जानकारी प्राप्त कर वास्तविक वाहन स्वामियों का पता किया जा रहा है।
उपरोक्त बाइक को चोरी की संपत्ति होने की युक्तियुक्त संदेह पर आरोपियों के कब्जे से गवाहों के समक्ष मुताबिक जप्ती पत्रक को जप्त किया गया और धारा सदर 41 (1-4) जाफौ/379 भादवि के अंतर्गत आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिन्हें न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया है।