राजस्व विभाग में हो रही गड़बड़ियों पर कौन लगाएगा रोक!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। सरकारी नौकरी मिलने के बाद ईमानदारी के साथ काम करनें की ली गई शपथ और फिर उसे चंद रुपयों के प्रलोभन में भूल जाना और अच्छी खासी तनख्वाह के बाद भी काम के बदले रिश्वत मांगना कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की आदत सी बन गई है। रिश्वत लेने पर पकड़े ना जाएं इसलिए नए नए पैंतरे आजमाए जा रहे हैं।
राजस्व विभाग में बड़े पैमाने में गड़बड़ी उजागर होने व रिश्वत पर इतना कुछ उजागर हो जाने के बाद भी गड़बड़ी व रिश्वत की परंपरा बदस्तूर जारी है इस पर रोक लगाने वाले जिम्मेदार, कार्यवाही करनें की बजाय तमाशबीन बनकर तमाशा देख रहे हैं।
आम जनता की ओर से राजस्व विभाग की बात करें तो यहां के अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक बांटे गये काम को करनें के एवज में आम जनता को रिश्वत देनी होती है बिना चढ़ावे के काम नहीं होता,ये जग जाहिर है दस्तावेजी गड़बड़ी,”ब्लेंडर” डिमांड,नामांतरण विलोपन,भोंदूदास सरकारी भूमि की बिक्री,सरकारी तालाब का पाटा जाना,बेच देना,सीमांकन,नामांतरण जैसे भृष्टाचार के मामलों के कहीं आडियो,वीडियो,सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं वहीं दस्तावेजी सबूत के साथ, कलेक्टर,प्रमुख सचिव, विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री स्तर पर शिकायत बावजूद कोई कार्यवाही का नहीं होना या कछुए की चाल से जांच का होना,सरकार की लचर प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता नजर आता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि राजस्व विभाग में हो रही तमाम गड़बड़ियों,रिश्वतखोरी पर आखिरकार “नकेल” कसा कैसे जाएगा!