राजस्व विभाग का एक और कारनामा- नामांतरण की प्रक्रिया पूरी…अब फाईल गुम गई कहकर किया जा रहा गुमराह!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। राजस्व विभाग के कार्यप्रणाली में सुधार लाने एसडीएम और तहसीलदार को बदला गया यहां के अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों को काम बांटे गये ताकि भूमि संबंधी काम तय समय सीमा में किया जा सके काम के एवज में आम जनता को रिश्वत ना देनी पड़े,बिना दलाल और चढ़ावे के काम हो,बावजूद इसके कई बड़ी बड़ी खबरें निकल कर सामने आईं, “ब्लेंडर” डिमांड,नामांतरण विलोपन,भोंदूदास सरकारी भूमि घोटाला,स्टाम्प ड्यूटी पंजीयन शुल्क में गड़बड़ी,नामांतरण फाइल का गुम जाने के नाम पर आवेदक को गुमराह करना,जैसी रिश्वती परंपरा को बढ़ावा दिए जाने जैसा काम हो रहा है।
ऐसा ही एक पेचीदा और सनसनीखेज मामला राजस्व प्रमुख कलेक्टर बिलासपुर के कार्यालय में बतौर शिकायत आया है।शिकायतकर्ता श्रीमती सविता मनहर पति रोशन कुमार मनहर के द्वारा लचर प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में शिकायत पत्र में बतलाया गया है कि उन्होंने मौजा तिफरा में जमीन खरीदा जिसका खसरा नंबर-1229/2 में से रकबा – 1062 स्क्वायर फीट है। इसका बैनामा नामांतरण हेतु तहसील बिलासपुर में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमे नियमानुसार इस्तेहार,पटवारी प्रतिवेदन और शपथ पत्र, बयान आवेदक क्रेता एवं विक्रेता का तहसील में बयान दर्ज कर अवलोकन के लिए फाइल रखा गया था। यह कि इसके पश्चात् फाइल तहसीलदार के यहां स्थानांतरित होते रहा किंतु किसी भी तहसीलदार के
द्वारा मेरा नामांतरण फाइल को आदेश नहीं किया और मेरे द्वारा नामांतरण हेतु बार बार तहसील कार्यालय का चक्कर लगाने के उपरान्त भी आज दिनाँक तक मेरे नामांतरण पर कोई आदेश नहीं किया गया है।उनका आरोप है कि वर्तमान में
फाइल अतिरिक्त तहसीलदार राजकुमार साहू के यहां से अवलोकन में रखा गया था,जहां फाइल को गुमा दिया गया है और मेरे द्वारा बार बार जाने और पूछे जाने से वहां के बाबू नेताम के द्वारा घुमाया जाता है।उपरोक्त नामांतरण मामले में आवेदिका नें कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाते हुए त्वरित नामांतरण की कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
आवेदिका की तरह लोगों के मन में सवाल उठना लाजिमी है कि जब नियमानुसार नामांतरण की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है तो फिर विलंब क्यों?
जानकारों के अनुसार जो नामांतरण का प्रकरण प्रक्रिया पूरी होने के 15 से 20 दिनों में पूर्ण हो जाना था उस पर इतना विलंब क्यों?
यदि फाईल गुम गई तो जिम्मेदार कौन?
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि उपरोक्त मामले की शिकायत एक बार फिर राजस्व प्रमुख कलेक्टर बिलासपुर के पास की गई है राजस्व नियमों के अनुरूप वह इस मामले को किस एंगल से देखते हैं!यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।