बिलासपुर

मुख्यमंत्री और सचिव का जारी निर्देश…खनिज अधिकारियों और रेत चोरों के गले की बन गया फ़ांस… ना उगलते बन रहा ना निगलते!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। रेत के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण को लेकर लगातार खबरों की सुर्खियों में बने रहने वाले बिलासपुर खनिज विभाग के अधिकारी दिनेश मिश्रा, अनिल साहू,और राहुल गुलाटी की उदासीनता भरे कार्यप्रणाली से लगातार सरकार को राजस्व की हानि हो रही थी और साथ ही साथ शासन की क्षवि धूमिल हो रही थी वहीं अधिकारियों और रेत चोरों की सांठगांठ की खबरें तमाम मीडिया के माध्यम से प्रदेश के मुखिया और सचिव खनिज तक पहुँच रही थी। ऐसे समय में मुख्यमंत्री का निर्देश जारी करना खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है।

फाईल फोटो

फिलहाल मुख्यमंत्री और सचिव द्वारा जारी निर्देश के बाद बिलासपुर खनिज अधिकारियों को सांप सूंघ गया है जानकार कहते हैं उनकी दुकानदारी पर शनि देव की कुदृष्टि पड़ गई है।

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वहीं जिला खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा जो आए दिन मीडिया के सामने अवैध खनन परिवहन व भंडारण पर कार्यवाही नहीं होने से बल की कमी का रोना रोते थे उन्हें खनिज साधन विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा जारी निर्देशों में बता दिया गया है कि जिले में खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को रोकना जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की प्रशासनिक जिम्मेदारी है। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में खनिज टास्क फोर्स गठित है।

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जिसके अंतर्गत खनिज अधिकारी द्वारा खनिज उडऩदस्ता एवं अंतर्विभागीय संयुक्त उडऩदस्ता का गठन किया गया है। इनके माध्यम से खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की जाती है। शायद अब जिला खनिज अधिकारी भी समझ गए होंगे कि अब रोना रोने से कोई फायदा नहीं।

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खनिज सचिव ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ-साथ साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में भी इसकी लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

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उन्होंने यह भी कहा है कि निर्देशों का समुचित पालन नहीं होने पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाए।

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फिलहाल मुख्यमंत्री और सचिव द्वारा जारी निर्देश का खनिज अधिकारियों पर क्या प्रभाव पड़ा है यह तो आने वाले समय में की गई कारवाई से मालूम होगा लेकिन इतना तो तय है कि रेत चोरों के मंसूबों में पानी फिरने जैसा निर्देश, खनिज अधिकारियों और रेत चोरों के गले की फ़ांस बन गया है ना निगलते बन रहा है ना उगलते।

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बहरहाल यदि मुख्यमंत्री और सचिव द्वारा जारी निर्देश का खनिज अधिकारी ईमानदारी से पालन करते हैं तो अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर की गई कार्रवाई से राजस्व में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होना तय है साथ ही साथ रायल्टी की वसूली तो टारगेट से अधिक होगी लेकिन ऐसा होने से डर इस बात का है कि कहीं अधिकारियों की रेत चोरों से सांठगांठ भी उजागर ना हो जाय।

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