रेत खदान से बिना रॉयल्टी पर्ची रेत बेच रहे रेत चोरों को खनिज निरीक्षक की खुली छूट! महज़ खानापूर्ति के लिए ऑन रोड अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। खनिज विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इन दिनों अपने उद्देश्य एवं कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं।
पिछले सप्ताह खनिज विभाग की टीम द्वारा मुख्य मार्ग से रेत खनिज का परिवहन कर रहे वाहनों की जांच की और रॉयल्टी पर्ची नहीं होने पर चलानी कार्यवाही हेतू वाहनों को मयखनिज खनिज चौकी और थानों के सुपर्द किया गया।
रेत का अवैध परिवहन करते वाहन चालकों के कथनानुसार वाहनों को खनिज निरीक्षक नें सात दिन पहले ऑन रोड पकड़ा और रॉयल्टी पर्ची नहीं होने पर 10552 रुपयों का फाइन कर दिया गया। हमनें गाड़ी छुड़वाने के लिए दूसरे दिन ही बैंक चालान पटाकर खनिज कार्यालय में जमा कर दिया। तब पता चला कि खनिज निरीक्षक छुट्टी पर चले गए हैं खनिज निरीक्षक के छुट्टी से लौटने पर आज सातवें दिन गाड़ी छूट रही है। विभाग के निरीक्षक की लापरवाही के चलते हमें हजारों रुपए का नुकसान हो गया।
जबकि हमनें कार्यवाही के दौरान खनिज अधिकारी को बताया कि रेत घाट जहां से हम लोग रेत भराते हैं वहाँ पर हमसे रुपए तो ले लिया जाता है किंतु रायल्टी पर्ची नहीं दी जाती है। वहां सैकड़ों वाहनों की लाईन लगी है। साहब आप लोगों को वहां जाकर जांच करना चाहिए घाट जाते तो हकीकत क्या है पता चलता। बीच रोड में कार्यवाही करते हैं।
जिले में संचालित वैध,अवैध रेत घाट सभी रायल्टी फ्री हैं क्योंकि खनिज निरीक्षक राहुल गुलाटी और उनकी टीम को कितनी भी शिकायत मिले कभी भी रेत घाट जाकर कार्यवाही नहीं करते,जानबूझकर ऑन रोड परिवहन करते वाहनों को रोक कर दस्तावेज मांगा जाता है और चलानी कार्यवाही की जाती है। जबकि होना यह चाहिए कि अवैध परिवहकर्ता के बताए अनुसार घाट पर दबिश देकर मौके पर जांच कर सच्चाई जाननी चाहिए ताकि शासन को चूना लगा रहे रेत चोरों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे राजस्व की चोरी पकड़ी जाय।
जबकि जानकारी के अनुसार शासन द्वारा स्वीकृत 18 रेत खदानों में से 9 रेत खदान 1 कुकुर्दीकेरा 2 मनवा 3 लच्छनपुर 4 उरतुम 5 चोरहदेवरी 6 राहटाटोर 7 भिलवनी 8 सरकंडा 9 सिलदहा को खनिज अधिकारी द्वारा बंद बतलाया गया है। ऐसे में चालू रेत खदानों का अचौक निरीक्षण जरूरी है ताकि चिन्हित लीज एरिया के बाहर रेत का अवैध खनन और परिवहन तो नहीं किया जा रहा है का खुलासा हो सके। रेत परिवहकर्ता वाहन चालकों को रॉयल्टी पर्ची दी जा रही है कि नहीं पता चल सके।
बहरहाल देखना होगा कि राजधानी में बैठे खनिज सचिव, बिलासपुर खनिज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं!