खनिज अधिकारियों के संरक्षण में…रोज लूट रहा खनिज का खजाना! तसवीर…

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। खनिज विभाग के निक्कम्मे अधिकारियों के चलते खनिज की चोरी, खुलेआम गैरकानूनी ढंग से रोज ही की जा रही है। खनिज के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने वाले बेपरवाह खनिज विभाग और जिम्मेदार अधिकारी कुम्भकर्णीय नींद सो रहे हैं।
ये तसवीर तखतपुर विकास खंड व तहसील के ग्राम खरकेना,की है विगत 6 माह से दिन रात पोकलेन मशीन द्वारा तालाब से चूरा मुरुम खोदकर अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है।
तसवीर पोल् खोलती नजर आती है खनिज विभाग के उन तमाम जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों की जिनकी जिम्मेदारी है खनिज के अवैध खनन और परिवहन रोकने की, सरकार उन्हें इस बात की मोटी तनख्वाह और सुविधाएं देती है। लेकिन इनको कुछ अवैध होता दिखाई नहीं देता। एक कहावत है कि “अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,
दास मलूका कह गए सब के दाता राम।”
खरकेना के सरपंच परमेश्वर साहू नें बतलाया कि पिछले साल डीबी प्रोजेक्ट सड़क ठेकेदार का मैनेजर शिवा अग्रवाल आया था उसने कहा कि उसे मिट्टी मुरुम की आवश्यकता है वह खनिज विभाग से अनुमति लेकर मिट्टी मुरुम खनन कर ले जाएंगे हमनें उन्हें प्रस्ताव बना कर दे दिया, वो लोग पिछले साल रामसागर तालाब से 6 महीनें और इस वर्ष पैठु तालाब से मिट्टी/मुरुम मशीन द्वारा खोदकर ले जा रहा है हमनें उसे प्रस्ताव बनाकर खनन और परिवहन की अनुमति दी है।
ऐसे में सवाल खड़े होना लाजिमी है कि जब खनिज विभाग खनन की अनुमति नहीं देता वह केवल एकत्रित मिट्टी/मुरुम को परिवहन की अनुमति देता है बावजूद इसके खनिज विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी यहां झांकने भी नहीं आता क्यों? मतलब साफ है कि बिना मिलीभगत के गैरकानूनी तरीके से खनन और परिवहन नहीं किया जा सकता।
सवाल तो उठता है कि जब खनिज कानून के विपरीत अवैध खनन और परिवहन को रोकने के जिम्मेदार खनिज अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं तो फिर रोकेगा कौन!
क्षेत्र के विधायक, जिला पंचायत सदस्य,जनपद सदस्य, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, पटवारी, कोटवार और तहसीलदार, एसडीएम आखिर कर क्या रहे हैं! सवाल तो उठता है!
इस अवैध परिवहन से चलने वाले चार पहिया वाहनों से ग्राम पंचायत के मुख्यमार्ग की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
ऐसा लगता है कि खनिज निरीक्षक अपने आस पास के क्षेत्र में छुटपुट कार्यवाही कर समझौता शुल्क जमा कराने को ही अपनी ड्यूटी समझ रहे हैं। जबकि अवैध खनन और परिवहन से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही है इस पर भी रोक लगाने की जिम्मेदारी इनकी है।
बहरहाल क्षेत्र की जनता जानना चाहती है कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन और परिवहन पर कब कार्यवाही करेंगे,सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन?