खनिज विभाग में दो घंटे का “लंच ब्रेक”…मनमौजी अधिकारी शासन की लाचारी।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों मुख्यमंत्री के पास होने वाले बिलासपुर खनिज विभाग की बखिया उधेड़ने में खनिज विभाग के गैरजिम्मेदार अधिकारी विभाग के मुख्यमंत्री का भी लिहाज नहीं कर रहे हैं और इस वजह से जहां शासन और विभाग की किरकिरी हो रही है वहीं मनमौजी अधिकारी सुर्खियों में बने हुए हैं।
इस बार मामला लंच ब्रेक का है यानी दोपहर के भोजन अवकाश का। सरकारी नियमानुसार देखा जाय सरकारी दफ्तरों में तो लंच ब्रेक आधे घंटे का होता है जैसे 1 बजे से 1:30 बजे तक लेकिन खनिज विभाग बिलासपुर की बात ही अलग है इनका लंच टाइम दोपहर दो बजे से 4 बजे के बाद तक का होता है लंच के दो घंटे बाद अधिकारी ऑफिस आए तो ठीक नहीं तो करते रहो इंतजार।
अधिकारियों की मनमानी का ऐसा ही नजारा कलेक्ट्रेट,कार्यालय के ठीक पीछे स्थित खनिज कार्यालय में देखने को रोज मिलता है। दोपहर दो बजे लंच में गए अधिकारी से मुलाकात करना हो और यदि फोन लगाने पर यदि फोन उठ जाए तो साफ कहते हैं कि 4 बजे के बाद ही मुलाकात होगी।
खासखबर की टीम ने कुछ दिनों तक 2 बजे के बाद कार्यालय की गतिविधियों को देखा। खनिज विभाग के प्रमुख अधिकारी दिनेश मिश्रा, अनिल साहू और राहुल गुलाटी तीनों ही अधिकारी नदारद मिलते थे। इनकी देखादेखी कुछ कर्मचारी भी बाहर चहलकदमी करते नजर आते हैं। सच भी है कि जब ऑफिस इन चार्ज की लंच ब्रेक का पालन नहीं करेंगे तो अन्य कर्मचारियों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
लेकिन हकीकत ये है कि यहां विभाग के अधिकारियों के आने और जाने का अपना ही टाइम टेबल है।
अधिकारी नहीं आए तो स्वभाविक है देखादेखी कर्मचारी भी कुर्सी छोड़ गायब हो जाते हैं मतलब शासन के नियमों को दरकिनार कर अधिकारियों की मनमानी चल रही है।
अंत में यही कहा जा सकता है कि भगवान भरोसे खनिज विभाग का सरकारी दफ्तर चल रहा है लेकिन यहां मुख्यमंत्री का लिहाज और आगंतुकों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं था।