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आबकारी, पुलिस,और वन विभाग की लापरवाही से उजड़ गई “आंवला की रोपड़ी”…गुलजार हैं तो बस शासकीय शराब की दुकान और अवैध रूप से संचालित “चखना की दुकानें!” कौन करेगा कार्यवाही।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। शासकीय शराब दुकान के खुलने से किसी गरीब का भला हो ना हो लेकिन शराब दुकान के इर्दगिर्द अवैध चखना दुकान संचालित किए जाने से आबकारी और पुलिस कर्मियों की चांदी जरूर हो जाती है। लेकिन इस बार वन विभाग पर द्वारा रोपित आंवला रोपणी की तार घेरा युक्त पौधे लगे जमीन पर अवैध चखना दुकान संचालित किए जाने की खबर सामने आ रही है।

रतनपुर के निकट रानीगांव में वन विभाग द्वारा रोपित आँवला रोपणी से कुछ ही दूरी पर शासकीय शराब दुकान संचालित हो रही है। वन विभाग द्वारा रोपित आंवला पौधे के रोपड़ जमीन पर कई अवैध चखना दुकान बेख़ौफ़ संचालित किया जा रहा है।

जागरूक लोगों का कहना है कि अवैध चखना दुकान संचालित किए जाने से आंवला रोपड़ से सैकड़ो आंवला के पौधे उखाड़ कर फेंक दिया गया है। पौधों की पशुओं से सुरक्षा के लिए लगाए गए तार घेरा और खंबे भी तोड़ दिया गया है और अब यहां पर शासकीय शराब दुकान से खरीद कर लाई गई शराब परोसी जाती है चखने के साथ।

बैठा कर शराब परोसे जाने से ना केवल आसपास डिस्पोजल की गंदगी बिखर रही है वरन आसपास का वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। शासकीय शराब की बिक्री के बाद दूर दूर तक नजर के सामने इर्दगिर्द बिखरे डिस्पोजल, पानी पाऊच व शराब की बोतलें सरकार द्वारा संचालित की जा रही स्वच्छ भारत योजना और स्वछता अभियान का मजाक उड़ाते नजर आते हैं।

सरकार शासकीय दुकानों में आबकारी विभाग के माध्यम से शराब बेच रही है तो मोनिटरिंग भी क्षेत्र के निरीक्षक द्वारा समय समय पर की जाती होगी ऐसे में थोक के भाव से खोले गए अवैध चखना दुकान बिना निरीक्षक की सहमति के चलाया जाना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

दूसरी गंभीर बात ये है कि वन विभाग अपने ही द्वारा रोपित आंवले के रोपणी को बचाने आगे नहीं आ रहा है जबकि रोपित पौधों की सुरक्षा की जिम्मेवारी वन विभाग की है।

अंत में रतनपुर थाना क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री को लेकर समय समय पर कार्यवाही की खबरें आती रहती हैं किंतु अवैध चखना दुकानों में अवैध रूप से शराबखोरी करनें खाद्य सामग्री बेचने और शराब पिलाने के लिए डिस्पोजल, पानी पाउच बेचने वाले पर कोई कार्यवाही ना करना पुलिसिंग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

बहरहाल शासकीय शराब दुकान के कारण वन विभाग की रोपणी में अवैध चखना दुकानों का खोला जाना और वहां अवैध रूप से शराब पीने खाद्य सामग्री का बिक्री किया और रोपणी बचाने वन विभाग के जिम्मेदारों का कोई प्रयास नहीं करना,और सबसे महत्वपूर्ण आबकारी और पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरों का अपने कर्तव्यों को लेकर उदासीन रवैया अपनाया शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है। जरूरत है कि सभी अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करें ताकि आम जनता को सुशासन दिखाई दे। ताकि लोगों का भरोसा कायम रहे।

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