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राजस्व विभाग का एक और कारनामा…ना पटवारी सस्पेंड हुआ…ना शिकायत पर जांच!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। कुछ माह पहले राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बिलासपुर में राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बहतराई पटवारी अनिल डोडवानी को सस्पेंड कर शिकायत की जांच करे परंतु एसडीएम नें मंत्री के आदेश को अनसुना करते हुए पटवारी को सस्पेंड करने की बजाय नोटिस जारी कर दिया।

लगभग 5 माह बीत जाने के बाद भी कार्यवाही नही होने पर अब सवाल उठ रहा है कि तत्कालीन तहसीलदार और एसडीएस के सामने क्या राजस्व मंत्री का निर्देश कोई मायने नहीं रखता?

क्या है मामला

दरअसल राजस्व मंत्री नें आखिर एक पटवारी को सस्पेंड करने का आदेश क्यों दिया था। शिकायत पत्र के अनुसार ग्राम बहतराई में खसरा नं. 310 क्षेत्रफल 0.113 हे0 जमीन जहां आज मौक पर पीडब्ल्यूडी सडक बनी हुई है। इस खसरा नंबर की भूमि को मध्यप्रदेश सरकार के समय अधिग्रहण करके भूमि स्वामी किसान को मुआवजा दे दिया गया था और अधिग्रहित भुमि पर पीडब्ल्यूडी सडक बना दी गई थी। इसका प्रमाण भूअर्जन का नक्शा है।

भूअर्जन के बाद म.प्र. सरकार ने इस जमीन का रिकार्ड किसी कारणवश दुरूस्त नहीं करवाया। वही छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं होने के कारण यह भूमि अभी रिकार्ड में किसान के नाम पर चल रहा था। किसान के मौत के बाद तत्कालीन राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत करके किसान के वारिसानों ने फौती उठवा लिया गया।

आश्चर्य की बात यह कि इस जमीन का बिना मौका मुआयना किये पटवारी अनिल डोडवानी ने विक्रय नकल जारी कर दिया। इसी क्रम में उप पंजीयक मिज ने बिना मौका मुआयना किये रजिस्ट्री कर दिया।

विक्रेता-क्रेता ने इस रोड की जमीन को नजदीक के सरकारी जमीन में चौहद्दी बनाकर कय विक्रय कर लिया। इससे भी बड़ी बात की इस फर्जी रिकार्ड का तहसीलदार ने भी नामांतरण कर तीन टुकडो में विभाजीत कर दिया।

खसरा नंबर 310/1, 310/2, 310/3 भू-राजस्व सहिंता के ज्ञाता राजस्व विभाग के हिसाब से शासन के जारी गाईड लाईन के अनुसार इस पूरे मामले में लगभग 24416000/- (दो करोड चौवालीस लाख सोलह हजार रूपये) का आर्थिक क्षति पहुंचाया गया जो एक प्रकार से आर्थिक अपराध का गभीर मामला है।

मामले की शिकायत पर मीडिया नें राजस्व मंत्री से सवाल पूछा था तो मंत्री जी ने पटवारी को सस्पेंड कर जांच की बात कही थी किन्तु आज दिनांक तक मामले में कोई भी कार्यवाही का नहीं किया जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

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