भू अभिलेख शाखा और पंजीयन कार्यालय में रखे संरक्षित दस्तावेज में कूट रचना का गंभीर आरोप… अधिवक्ता नें कलेक्टर से की जांच की मांग।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों राजस्व विभाग भूमाफियाओं संग सांठ गांठ को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है। आए दिन राजस्व मामले में गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं राजस्व विभाग की शिकायत अब आम बात हो गई है।
भूमाफियाओं को राजस्व अधिकारियों की सरपरस्ती का एक मामला हाल ही में अधिवक्ता प्रकाश सिंह नें सामने लाया है, उन्होंने कलेक्टर बिलासपुर को एक शिकायत पत्र लिखकर भू अभिलेख शाखा कलेक्टोरेट, पंजीयन कार्यालय के इंडेक्स व ग्रंथ मे कूटरचना किए जाने के संबंध में आवेदक देकर जांच की मांग कर राजस्व विभाग में खलबली मचा दी है।
उनका कहना है कि भूमि विवाद संबंधी समस्त निर्णय माननीय न्यायालय
मे अभिलेख पर निर्भर होते है और इन अभिलेखों की सत्यता का प्रमाणीकरण अभिलेख शाखा मे संरक्षित अभिलेखों के द्वारा होता है, परंतु जब अभिलेख शाखा मे संरक्षित दस्तावेजों में ही कूटरचना द्वारा प्रविष्टियों को खरोच कर या मिटा कर नई
प्रविष्टियाँ कर दिया गया हो तो न्याय होना असंभव है। ऐसे मे उन संदिग्ध दस्तावेजों की तकनीकी जाँच आवश्यक है।
भू अभिलेख शाखा और पंजीयन कार्यालय हो रही गड़बड़ी का खुलासा कुछ इस तरह से करते हैं कि मेरे पक्षकार के. मनन प्रतीक आयु 27 वर्ष पिता श्री के.एल. आर. नायडू निवासी हेमुनगर को थाना सरकंडा से 13
जुलाई 2021 को एक नोटिस प्राप्त हुआ जिसमे छोटे कुमार निवासी चिल्हाटी द्वारा ग्राम चिल्हाटी ख. न. 280/02 रकबा
0.86 एकड़ के अधिपत्य व स्वामित्व की भूमि को अन्य को बिक्री का आरोप लगाया गया था। जबकि मेरे पक्षकार द्वारा
उक्त भूमि के संबंध ऐसा कोई भी कृत्य कभी भी नहीं किया गया है । तब उक्त भूमि की वास्तविकता हेतु मेरे द्वारा अभिलेख शाखा मे दस्तावेजों का अवलोकन किया गया तो
निम्नलिखित बाते सामने आई।
मेरे द्वारा दस्तावेजों का अवलोकन जुलाई किया गया, जिनमे अत्यधिक मात्रा मे कूटरचना की गई है।
ग्राम चिल्हाटी प.ह.न. 19/29 तह व जिला बिलासपुर वर्ष 1984 से 1988 तक के बी-1 तथा खसरा पांचसाला उक्त अभिलेखों मे विभिन्न स्थानो पर बहुत से पुराने
प्रविष्टियों को रगड़ कर मिटा कर नवीन प्रविष्टियाँ कर दी गई।
ग्राम चिल्हाटी प.ह.न. 19/29 के वर्ष 1976 का रजिस्ट्री इंडेक्स में कुटरचना – भोंदूदास पिता छेदिदास मणिकपुरी
का नाम 1 मई 1976 को ग्रंथ क्र. 4240, दस्तावेज क्र. 4198
ग्राम मोपका प.ह.न. 19/29 वर्ष 1972 रजिस्ट्री इंडेक्स मे पृष्ठ क्रमांक 522 व 523 के मध्य नवीन पृष्ठ चिपकाया गया है जिसमे ख.न. 993 / 2 क, रकबा 3.40 एकड़,
993/2 ख रकबा 8.00 एकड़ भोंदूदास पिता छेदिदास तथा ख.न. 851/2 रकबा 0.70 एकड़ तथा ख.न. 1859/1 में
से 1.03 एकड़ अमलदास के नाम पर कूटरचना द्वारा लाई गई है।
यह कि उक्त दस्तावेज के अवलोकन से मुझे पूर्णतः विश्वास है कि दस्तावेजों में कई स्थानो पर अत्यधिक कूटरचना की गई है
तथा दस्तावेजों में पूर्व प्रविष्टियों को रगड़ कर या खरोच कर मिटा कर नवीन प्रविष्टियाँ की गई है, जो कि विधि विरुद्ध बहुत ही गंभीर अपराध है।
अधिवक्ता नें कलेक्टर बिलासपुर से निवेदन किया है कि है कि कलेक्टर उक्त
अभिलेखों का एक बार स्वयं निरीक्षण करे तथा तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता से शिकायत का निराकरण करे।
फिलहाल अधिवक्ता नें भू अभिलेख शाखा और पंजीयन कार्यालय में चल रही गड़बड़ी को उजागर करते हुए सनसनीखेज खुलासा किया है देखना होगा कि क्या कलेक्टर बिलासपुर शिकायत की निष्पक्ष जांच करने कोई टीम गठित करते हैं या नहीं!