मुर्दाबाद के नारों से फिर शर्मसार हुआ बिलासपुर जिले का तहसील कार्यालय…क्या वाकई में दलालों के साथ बंद चेम्बर में चाय पीते हैं अधिकारी!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर.न्यायधानी बिलासपुर का तहसील कार्यालय इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में है। पहले वकीलों ने यहाँ फैली अव्यवस्था पर सवाल खड़े किए तो दूसरी बार छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाया तीसरी बार बिलासपुर विधायक ने अचौक निरीक्षण कर यहां की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए तहसील कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तब कुछ दिन पहले राजस्व प्रमुख जिला कलेक्टर ने निरीक्षण कर फटकार लगाई थी।
आज तहसील कार्यालय के अधिवक्ताओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए मीडिया से कहा कि जिले में शासन प्रशासन नाम की चीज नही रह गयी है। तहसील कार्यालय में अधिवक्ताओं और पक्षकारों की इज्जत नही, दलालों का राज है। साथ ही साथ सरेआम मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
जानकारी के अनुसार अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसीलदार बदल गए पर हालात नही बदले, तहसीलदार अतिरिक्त कलेक्टर और विभागोय मंत्री को जिले का प्रभार मिल गया। वकीलों ने मंत्री से लेकर कलेक्टर तक से शिकायत की। कलेक्टर सारांश मित्तर ने भी पिछले दिनों तहसील कार्यालय का निरीक्षण कर यहां की कार्यप्रणाली पर असन्तोष जताया और कार्रवाई की चेतावनी भी दी लेकिन केवल गीदड़ भपकी ही साबित हुई।
अव्यवस्था से नाराज तहसील अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और सदस्य इन्ही सब मामलों पर चर्चा के लिए एसडीएम, तहसीलदार से चर्चा के लिए उनके चैम्बर में पहुचे पर हमेशा की तरह सारे अधिकारी नदारद रहे।
संघ ने तहसील कार्यालय के गेट पर तहसीलदार और नायब तहसीलदार के खिलाफ न सिर्फ मुर्दाबाद के नारे लगाए बल्कि कई गम्भीर आरोप भी लगाए।
अधिवक्ता गोविंद वैष्णव ने तमाम अव्यवस्थाओं का हवाला दे व्यवस्था में सुधार न होने पर कलमबंद हड़ताल कर न्यायालय का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
दलालों को चैम्बर में चाय
तहसील अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी अजय स्वर्णकार ने कहा कि यहाँ संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों की कोई अहमियत नही। केवल दलालों का काम होता है पक्षकार और वकील परेशान होते है अफसर बैठते ही नही, और बैठते है तो चैम्बर का दरवाजा बन्द कर दलालों के साथ बैठते हैं।
फिलहाल अधिवक्ताओं का आरोप गंभीर है राजस्व मंत्री को इस घटना को संज्ञान में लेकर एक जांच टीम गठित किया जाना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी मतलब सच्चाई जनता के सामने आए। क्योंकि तहसील कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों पर पहली बार आरोप नहीं लगाए गए हैं इससे पहले भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।