25 बरस से झूठे वादों का दंश झेल रही “अभागी सड़क” को अपने “पुनर्जन्म” का है इंतजार!

वरिष्ठ पत्रकार शशि कोन्हेर की कलम से…
4 साल पहले तबाह होकर मर चुकी लखराम और सरवन देवरी के बीच स्थित अभागी सड़क को इंतजार है अपने, पुनर्जन्म का!
लौट कर नहीं आते नेताओं के वो काफिले, जो इस सड़क के जीर्णोद्धार की “झूठी घोषणाएं” कर विधायक और सांसद बने बैठे हैं।
लखराम और सरवन देवरी की इस बदनसीब सड़क के दोनों ओर बसे हजारों लोगों को इंतजार है उस दिन का, जब इस सड़क की किस्मत संवरेगी।
खासखबर चाट बिलासपुर।। रतनपुर क्षेत्र के प्रसिद्ध और विशाल गांव लखराम को सरवन-देवरी से जोड़ने वाली सड़क पर चलना किसी मुसीबत से कम नहीं है। वैसे यह अभागी सड़क उपेक्षा के दंश से कब की मर चुकी है। अब जो कुछ बचा है। वह सड़क के निशानांत हैं। जो यह बताते हैं कि कभी यहां अच्छी खासी सड़क हुआ करती थी। लख राम समेत पूरे क्षेत्र को जानने वाले लोग यह भी जानते हैं कि सरवन देवरी और लखराम के बीच बनी इस सड़क से सरवन देवरी समेत आसपास के 10-12 गांव के लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए कई दशकों से लखराम आया करते हैं। इसे देखते हुए किसी मसीहा ने लगभग 30 साल पहले इस बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण कराया था। लेकिन एक बार बनने के बाद इस सड़क की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते उपेक्षा के बरसते कोड़ों ने इसे जगह-जगह से उधेड़ना शुरू कर दिया है। यहां के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि सड़क का, यह बदहाल नजारा बीते 25 सालों से जस का तस बना हुआ है।
इन 25 सालों में इस क्षेत्र के गांवों के “वोट” सड़क सुधार,जीर्णोद्धार के झूठे वादे को लेकर, ना मालूम कितने सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य तथा सांसद-विधायक बनते रहे हैं। उनमें से बहुतों की किस्मत भी संवर गई। लेकिन अगर किसी की किस्मत फूटी निकली तो वह लखराम और सरवन देवी के बीच बनी इस सड़क की किस्मत ही है, जो अब शायद कभी नहीं सुधरेगी।
कल कल करती किसी जीवनदायी नदी की तरह, यह सड़क भी यहां के लोगों के लिए जीवन रेखा से कम नहीं है। लेकिन बीते 25 सालों में इस सड़क पर या कहें इसकी मरम्मत रखरखाव और जीर्णोद्धार पर धेला-पाई भी खर्च नहीं की गयी। जिसके कारण लगातार उखडते बर्बाद होते यह सड़क अब, चलने लायक भी नहीं रह गई है। जगह जगह पानी भरे गड्ढे,कीचड़ और दलदल से सराबोर इस सडक के हालात विकास के दावों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं।
इसकी दुर्दशा से चिंतित क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा आपस में राशि का इंतजाम कर इसके हालात सुधारने की पहल की जा रही है। अब पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र के अनेकों गांवों में बसे लोगों की तकलीफ देखते हुए इसकी सूरत और सीरत संवारने की जो पहल की जा रही है ईश्वर उसे सफल बनाए। क्योंकि बिना उसके सालों पहले मर चुकी इस सड़क का पुनर्जन्म बेहद असंभव है।