बिलासपुर

कंसलटेंट द्वारा बरती गई लापरवाही का फायदा उठा रहे, राजस्व विभाग के पटवारी और भू माफिया!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राज्यमार्ग 45 विस्तारित (रतनपुर से केंवची) के उन्नयन हेतु सर्वे कर प्रोजेक्ट तैयार करने वाली ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के द्वारा प्रस्तावित मार्ग के निर्माण निविदा पूर्व भूमि अधिग्रहण तथा सिंचाई एवं वनविभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने छग राज्य के बिलासपुर संभाग में जिस कंसलटेंट को भेजा गया है. उसके द्वारा पटवारी सहित वन विभाग सिंचाई विभाग तथा जल संसाधन विभाग से यथाशीघ्र अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने ग्लोबल सर्वे में प्रयुक्त होने वाली नक्शा को पटवारीयों के साथ सार्वजनिक कर दिया गया है। तथा पटवारियों के द्वारा अपने चहेते जमीन दलालों को एप उपलब्ध करा दिया गया है।

कंसलटेंट द्वारा बरती गई इस लापरवाही का फायदा पटवारी सहित राजस्व विभाग से विशेष तौर पर जुड़े भू माफिया उठा रहे हैं।अपना काम यथाशीध्र निपटाने के चक्कर में कंसलटेंट के द्वारा विशेष एप्प में उपलब्ध गूगल अर्थ रा.रा.मार्ग 45 विस्तारित के जद में आने वाले प्रत्येक पटवारी हल्का को उपलब्ध करा दिया गया है।

जिसके आधार पर पटवारियों द्वारा प्रभावित खसरा को पटवारी नक्शा में रेखांकित किया जा रहा है। यही कारण है कि बिलासपुर से लेकर केंवची तक प्रस्तावित कारीडोर के इर्दगिर्द शासन द्वारा अधिग्रहित किये जाने वाले जमीन की संपूर्ण जानकारी राष्ट्रीय राज्यमार्ग विभाग के आला अधिकारियों से कहीँ अधिक, जमीन दलालों को मिल चुका है। जिसके आधार पर वे संभावित जमीन का धड़ल्ले से सौदा कर रहे हैं तथा पटवारी और पंजीयन कार्यालय के बिकाऊ कर्मचारियों से सांठगांठ कर मूल रकबा का छोटे छोटे टुकड़ों में बंटाकन नामांतरण करा रहे हैं।

ताकि सरकार से मुआवजे के रुप में चार से दस गुणा अविक राशि वसूला जा सके।बंटाकन नामातंरण के अलावा भूमाफियाओं द्वारा प्रभावित होने वाली भूमि मे स्तरहीन पक्का निर्माण, नलकूप उत्खनन (केवल दर्शाने हेतु केसिंग पाईप लगाने) का कार्य मुआवजा के लालच में कराया जा रहा है।

पंजीयन कार्यालय में पिछले छ: महीनो का पंजीयन एवं बटाकंन नामातंरण अभिलेख की जांच किये जाने पर उक्ताशय का खुलासा हो सकता है। लेकिन यह शासन पर निर्भर है कि शासन क्या चाहती है? और कैसा कदम उठाना मुनासिब समझती है? बरहाल पटवारी और राजस्व अधिकारियों की बल्ले बल्ले है।

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