बिलासपुर

विकास खंड शिक्षा कार्यालय के बाहर…बोर्ड पर टंगी दीवार घड़ी का रहस्य!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। शहर में दर्जनों शासकीय कार्यालय हैं जहां कार्यालय के भीतर अधिकारी और कर्मचारियों कक्ष में समय का सही अंदाजा लगाने दीवार घड़ी लगी होती है जो ऑफिस आने का समय, लंच ब्रेक और जाने का समय देखने के लिए लगाई जाती है और घड़ी लगाना जरूरी भी होता है। मतलब आप सभी नें कार्यालय के भीतर ही दीवार पर घड़ी टंगे देखा होगा लेकिन विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय कोटा की बात ही निराली है। यहां जैसे ही आप कार्यालय के मुख्य द्वार पर भीतर प्रवेश करनें को जाते हैं ऊपर दीवार पर लिखे कार्यालय के नाम के साथ आपको एक जीवित दीवार घड़ी नजर आएगी। जो बरबस ही आपका ध्यान आकर्षित करेगी आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि दीवार घड़ी को कार्यालय के बाहर क्यों और किसने लगाया गया है। जिसका जवाब ना आपके पास होगा ना ही प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पास, की आखिरकार इस घड़ी को यहां लगाया क्यों गया है! इस घड़ी को यहां टांगने का रहस्य क्या है! सिविल सेवा नियम में भी घड़ी को बाहर टांग कर रखे जाने का उल्लेख नहीं मिलता है।

फिर हमनें इस रहस्य को भेदने कोटा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय जाकर एक स्टाफ से पूछा तब उसने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बीईओ साहब पिछले दो दिनों से कार्यालय ही नहीं आए हैं। हमनें सोचा प्रभारी हैं उनसे ही फोन पर पूछ लिया जाय कि साहब इस घड़ी के टांगे जाने का रहस्य बतलाएँ लेकिन साहब ने फोन ही रिसीव नहीं किया तो घड़ी के टांगे जाने का रहस्य रहस्य ही बना हुआ था।

हमनें सोचा कि साहब कार्यालय आएं या ना आएं कोई जिम्मेदार अधिकारी देखने और पूछने तो आता नहीं, रहा सवाल तनख्वाह का तो वो तो पूरा बनता होगा, साहब थोड़ी बतलाने वाले कि महीने में इतने दिनों मैं नहीं आया।

जब हमने पुराने स्टाफ से कार्यालय के बाहर बोर्ड के ऊपर टंगी दीवार घड़ी के रहस्य के विषय में पूछा तो एक स्टाफ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह घड़ी पूर्व बीईओ पटेल साहब के समय से यहां टंगी है कार्यालय में बहुत सी घड़ी रखी हुई थी जो पड़े पड़े बेकार हो रही थी इसलिए साहब इसे टांगने के लिए बोले थे। लेकिन हमारे शुक्ला साहब जो कभी कभार ही कार्यालय आते हैं वो भी बाहर घड़ी टंगे होने के बावजूद कभी कार्यालयीन समय पर कार्यालय नहीं आते।

एक शिक्षक नें नाम नहीं छापने की शर्त पर बतलाया कि लॉक डाउन काल से साहब संकुल वाट्सएप ग्रुप और विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय के वाट्सएप ग्रुप पर मोहल्ला क्लास और स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी जरूर करते हैं। आगे शिक्षकों पर सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण नियम के तहत कार्यवाही होती भी है या नहीं मालूम नहीं।

कभी कभी मीडिया द्वारा स्कूल शिक्षक के खिलाफ कोई खबर छप जाती है उस दिन साहब नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगते है तब उनके चेहरे पर एक अजीब सी खुशी नजर आती है। शिक्षक बीईओ कार्यालय घुसने से पहले बाहर टंगी उस मनहूस घड़ी को देखता है फिर आकर स्पष्टीकरण देकर दुखी दुखी वापस लौट जाता है।

फिलहाल प्रभारी बीईओ विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय कोटा के बाहर दीवार पर टंगी घड़ी का मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में नहीं आया है खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित और प्रसारित करने पर शायद कुम्भकर्णीय नींद सो रहे शिक्षा अधिकारियों की नींद टूटे और अचौक निरीक्षण के बहाने ही कोटा विकास खण्ड में टंगी इस दीवार घड़ी पर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया दें।

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