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स्थानांतरण का फ़र्जी आदेश…व्याख्याताओं के खिलाफ कब होगी जांच और FIR…! कौन है मास्टरमाइंड “कश्यप”!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।सुशासन तिहार के बीच छत्तीसगढ़ के दो जिला, जांजगीर और सूरजपुर से तीन व्याख्याता श्रीमती श्रुति साहू(शा. बा.उ. मा. वि. रामानुज नगर,वि ख रामानुज नगर जिला सूरजपुर),श्रीमती ज्योति दुबे(शासकीय हाई स्कूल पुछेली वि ख बम्हनीडीह जिला जांजगीर चांपा) और श्रीमती कामना वर्मा (शासकीय उच्च माध्यमिक कमरीद,वि ख बलौदा,जिला जांजगीर चांपा) अपना अपना स्थानांतरण आदेश लेकर खुशी खुशी 15/01/2025 दिन बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर और जांजगीर पहुँची। जारी दस्तावेज में आदेश छ ग शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय अटल नगर नया रायपुर का था जिसे 7 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को जारी किया गया था। इस स्थानांतरण आदेश के आधार पर कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर और जांजगीर नें तीनों व्याख्याताओं को 15/01/2025 को ही कार्यमुक्त कर दिया।

सवाल 01 दोनों सूरजपुर और जांजगीर

जिला शिक्षा अधिकारियों को व्याख्याताओं द्वारा लाया गया स्थानांतरण आदेश पर संदेह क्यों नहीं हुआ?

सूत्र बताते हैं कि कार्यमुक्त आदेश जारी किए जाने के बाद मास्टरमाइंड कश्यप अपने पहले कदम की कामयाबी पर खुश था। दूसरा महत्वपूर्ण कदम बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय था।

कहते हैं कि मास्टरमाइंड कश्यप के व्हाट्सएप में आए स्थानांतरण आदेश की कॉपी लेकर जिला जांजगीर और सूरजपुर से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बिलासपुर में आए व्याख्याताओं श्रीमती श्रुति साहू,श्रीमती ज्योति दुबे और श्रीमती कामना वर्मा नें 16/01/2025 दिन गुरुवार को अपनी अपनी उपस्थिति तो दे दी लेकिन पता नहीं क्यों और क्या पेंच फस गया और शुक्रवार को भी ज्वाइनिंग नहीं दी गई फिर शनिवार और रविवार अवकाश था। ठीक 5 वे दिन सोमवार को व्याख्याताओं को अलग अलग स्कूलों का ज्वाइनिंग आदेश 20/01/2025 दिन सोमवार को जारी कर दिया गया।

सवाल:- इन चार दिनों में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर को संदेह क्यों नहीं हुआ?

ज्वाइनिंग के ही दिन 20/01/2025 को ऐसा क्या हुआ कि 20/01/2025 को ही छ ग शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय अटल नगर नया रायपुर का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर को उक्त स्थानांतरण आदेश में संदेह हो गया और आदेश की प्रामाणिकता की जाँच हेतु संचालक लोक शिक्षा संचालनालय अटल नगर रायपुर पत्र लिखकर भेजा गया। लेकिन व्याख्याताओं के जोइनिंग आदेश पर रोक नहीं लगाया गया?

फिर 4 थे महीने अप्रेल में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा व्याख्याताओं पर बिना कोई कार्यवाही के, निरस्तीकरण आदेश संबंधित प्राचार्य को जारी कर दिया जाता है और लेक्चरों को बिना मांगे, नसीहत दी जाती है अपने मूल शाला चुपचाप वापस लौट जानें की,आखिर ऐसा क्यों?

व्याख्याताओं द्वारा पूर्णतः फ़र्जी स्थानांतरण आदेश से जिला के अन्य स्कूल में जोइनिंग के 4 महीने बाद बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा स्थानांतरण आदेश को पूर्णतः फ़र्जी आदेश बतलाते हुए निरस्तीकरण आदेश का जारी कर व्याख्याताओं को मूल शाला में वापस लौट जाने का आदेश जारी करना,बिना किसी कार्यवाई के, जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े करते नजर आता है।

फर्जी स्थानांतरण आदेश लेकर आने वाले व्याख्याताओं के खिलाफ अब तक ना कोई सवाल, ना कोई स्पष्टीकरण, ना कोई विभागीय जांच आदेश, ना FIR की कार्यवाही,जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्यों नहीं की गई? यह सवाल खड़े होता है।

जांजगीर और सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारियों का व्याख्याताओं के विरुद्ध बिना कोई कार्यवाही के पूर्व शालाओं में वापस ज्वाईनिंग ले लेना भी एक गंभीर सवाल खड़े करता है?

क्यों यह जानने की कोशिश भी नहीं कि गई कि फ़र्जी स्थानांतरण आदेश उन्हें कहाँ से प्राप्त हुआ? इसके पीछे मास्टर माइंड कौन था?

सवाल

स्कूल शिक्षा सचिव इस फ़र्जी स्थानांतरण आदेश जारी मामले को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं?

छ ग शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय अटल नगर नया रायपुर से से फर्जी स्थानांतरण आदेश लेकर आने वाले व्याख्याताओं के खिलाफ जाँच क्यों नहीं की जा रही है?

फ़र्जी स्थानांतरण आदेश व्याख्याताओं तक पहुचाने वाले मास्टरमाइंड”कश्यप” को बचाने की कोशिश कौन कर रहा है?

बहरहाल फ़र्जी आदेश का इतना गंभीर मामला और जिला शिक्षा अधिकारियों सहित न्यायधानी और राजधानी में बड़े ओहदे में जिम्मेदारी के पद पर बैठे आला अधिकारियों का मौन, व्याख्याताओं और मास्टरमाइंड को बिना FIR, बिना दंड, बिना चेतावनी, बिना किसी जाँच पड़ताल के छोड़ देना, भविष्य में किसी बड़े फर्जीवाड़े के होने की आशंका को बल देती नजर आती है,, जरूरत है मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कर, दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करनें की ताकि भविष्य में कोई इस तरह से फर्जी स्थानांतरण आदेश लाकर शासन प्रशासन को कटघरे में ना खड़ा कर सके।

“शीघ्र करेंगे इस फ़र्जी स्थानांतरण आदेश मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा इंतजार कीजिए।”

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