एक ऐसा सरकारी स्कूल…जहाँ बहती है ज्ञान की गंगा।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा अंतर्गत संचालित एक सरकारी स्कूल जो उच्च न्यायालय से कुछ दूरी पर चकरभाठा मुख्य मार्ग में रहंगी गाँव में स्थापित है।
शासकीय प्राथमिक शाला रहंगी यहाँ दर्ज बच्चों की संख्या है 135 और उपस्थित बच्चों की संख्या 122 हैं। प्रधान पाठक को मिलाकर कुल पांच शिक्षकों की टीम मिलकर बच्चों को शिक्षा देने का काम करते हैं। यहाँ पदस्थ शिक्षकों नें साबित कर दिया है कि बच्चों में पढ़ने की ललक और उनकी पढ़ाने लगन रंग लाएगी।
गरीबों के बच्चों के लिए इस स्कूल को बच्चों के सुनहरे भविष्य का प्रवेशद्वार कहा जा सकता है। पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चे अपना भविष्य बनाने अपनी नन्ही आँखों पर सपने लिए तल्लीनता से यहाँ अध्ययनरत हैं।
कक्ष के अभाव होने के बावजूद साफसुथरा कक्ष साफ सुथरे गणवेश पहनकर बच्चे स्कूल आते हैं और टाटपट्टी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। बच्चे पढाई करनें में मगन हैं और शिक्षक पढ़ाने में।
आश्चर्य की बात यह है कि जहाँ 80 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में शासन की महत्वपूर्ण योजना मध्यान भोजन के लिए थाली नहीं होती लेकिन यहाँ पर सभी बच्चों के मध्यान भोजन ग्रहण करने के लिए थाली है बच्चे कतार में बैठकर भोजन करते हैं।
खेलने के लिए खेल का समान है। साफ सुथरा मैदान है और स्कूल के चारों ओर बाउंड्रीवाल के साथ साथ लोहे का गेट लगा हुआ है। कुल मिलाकर बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चे 10 से 20 तक पहाड़ा लिखना और बोलना जानते हैं। फर्राटे से किताबें पढ़ना जानते हैं। प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
पहली और दूसरी के बच्चे बारह खड़ी मतलब हिन्दी वर्णमाला बोलना और लिखना सीख रहे हैं अक्षरों की पहचान उन्हें हैं ए बी सी डी बोल और पहचान लेते हैं। एक से सौ तक के अंकों को लिखना और पढ़ना सीख रहे हैं।
बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित रहंगी का प्राथमिक शाला उन तमाम सरकारी स्कूलों और वहाँ पदस्थ शिक्षकों के लिए एक मिसाल है जहाँ सरकारी व्यवस्था तो है लेकिन शिक्षा के नाम पर महज खाना पूर्ती होती है।
अंत में बस इतना ही कि यह स्कूल मुख्यमार्ग पर है भारी वाहनों का आना जाना लगा होता है लेकिन बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर यहाँ ना तो स्पीड ब्रेकर है ना ही धीरे चलें का कोई संकेत बोर्ड लगा है इस वजह से यहाँ आए दिन बच्चे दुर्घटना के शिकार होते हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि यहाँ एक बोर्ड और स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराए।