संकुल केंद्र पौंसरा के संकुल समन्वयक की लापरवाही उजागर…! बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय का मामला।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। ऐसा लगता है कि विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा में प्रभारी बीईओ के पद पर पदस्थ शासकीय सेवक श्रीमती सुनीता ध्रुव का नियंत्रण ना तो संकुल समन्वयकों पर है ना ही शिक्षकों पर है, ऐसा इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि धरातल पर तो ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है।
लगता है बिलासपुर न्यायधानी में सरकारी शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों का भाग्य ही खराब है पौंसरा के संकुल समन्वयक साधे लाल पटेल शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जलसो के प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ हैं इन्हें शासन के नियमों के तहत दस स्कूलों का अवलोकन करना और स्कूलों से डाक एकत्रित कर विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा को सौपना होता है साथ ही इन्हें प्रत्येक स्कूल दिवस पर अपने स्कूल में तीन पीरियड्स बच्चों को पढ़ाना और डेली डायरी संधारित करना है फिर अन्य स्कूल में अवलोकन करने जाना है लेकिन साधे लाल को शासन के दिशा निर्देश से कोई मतलब नहीं है भले ही उनको तनख्वाह सरकार देती है लेकिन वो करते अपने मन का हैं।
अब जरा इस शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर एक नजर डालें, जो माह दिसम्बर 2024 का है इसमें प्रभारी प्रधान पाठक साधे लाल 7 और 9 दिसम्बर को हस्ताक्षर ही नहीं किए हैं लेकिन स्कूल में उपस्थित शिक्षक हरीशंकर देवांगन का कहना था कि 7 और 9 दिसंबर को आए थे उसके तत्काल बाद उन्होंने संकुल समन्वयक साधे लाल को फोन लगाकर मीडिया के आने की जानकारी दी तो उन्होंने बताया कि बीईओ बिल्हा कार्यालय में हैं। स्कूल अवलोकन के समय में उनका बिल्हा बीईओ कार्यालय में उपस्थित होने पर बिलासपुर के शिक्षाविद सवाल खड़े करते हैं कि आखिकार जिले का शिक्षा विभाग और सरकारी स्कूल ऐसे कैसे संचालित हो रहा है। इसे बिलासपुर जिले का दुर्भाग्य कहा जा सकता है। उच्च अधिकारियों को तत्काल संज्ञान में लेकर अचौक निरीक्षण व कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जलसो में अध्धयन के लिए 196 बच्चे दर्ज हैं लेकिन उपस्थिति आधे से भी कम अर्थात 67 बच्चों की उपस्थिति थी। 6 शिक्षकों के स्टाफ में मात्र 2 शिक्षक ही उपस्थित थे। उपस्थिति रजिस्टर भी गवाही दे रहा था। ऐसे में संकुल समन्वयक का अध्यापन व्यवस्था बनाने की बजाय विकास खण्ड कार्यालय में होना उनकी लापरवाही उजागर करता है।
आश्चर्य की बात यह कि शाला में बच्चों की कम उपस्थिति की वजह शिक्षक, पालकों में जागरूकता की कमी, शिक्षा का अभाव,धान कटाई का समय है बच्चे धान का शिला एकत्रित करने जाते हैं, बतलाते हैं।
सवाल यह कि संकुल प्राचार्य क्या कर रहे हैं,सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी क्या कर रहे हैं, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी अपनी आंखें बंद क्यों कर रखी है, कलेक्टर बिलासपुर की टीम कहाँ है!
उपस्थित शिक्षक हरिशंकर देवांगन नें बताया कि स्कूल में समस्या बहुत है जैसे खेल के मैदान का अभाव है, मध्यान भोजन किचन जर्जर हो गया है, नाली से पानी निकासी नहीं हो रहा है, असामाजिक तत्वों का डेरा है तोड़ फोड़ करते हैं।
ऐसा लगता है कि साधे लाल अपने उच्च अधिकारी को “साध” कर रखें हैं इसलिए तो इनके क्षेत्र में प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी निरीक्षण दौरा तो करतीं हैं लेकिन किसी स्कूल शिक्षक की लापरवाही उजागर होने पर भी आँखें मूंद लेती हैं। ऐसा लगता है मानों शासन के दिशा निर्देशों का पालन कराने में इनकी कोई रुचि ही नहीं है।
क्रमशः ……..
कौन शिक्षक है जिसे वेतन के साथ साथ दिव्यांग भत्ता भी मिल रहा है लेकिन वह खुद को सामान्य बतलाता है?