जिला शिक्षा अधिकारी नें आकस्मिक निरीक्षण के दौरान देखा सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल… समय पर नहीं खुले थे कई स्कूल…पढ़ाना छोड़ गप्पे हांक रहे थे शिक्षक…कई शिक्षक थे नदारद…!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। 16 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू द्वारा प्रातः7.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक विकासखंड तखतपुर और कोटा के दर्जनों स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
जिसमें तखतपुर विकासखंड अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला पोड़ी(भरनी) प्रातः7.35 बजे बंद पाया गया।
दो शासकीय शालाओं का जहाँ मोटी तनख्वाह पाने वाले शिक्षक पदस्थ हैं बंद पाया जाना अपने आप में बड़ा सवाल है ऊपर से संकुल समन्वयक और संकुल प्राचार्य की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में नजर आती है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोड़ी प्रातः 8 बजे तक खुला नही था। ग्रामीणो द्वारा प्राचार्य की शिकायत भी की गई।
यहाँ भी स्टाफ नदारद था मतलब तनख्वाह पूरी चाहिए काम करें या ना करें कोई देखने, सुनने,बोलने और कार्यवाही करने वाला ही नहीं है। शिकायत करें भी तो किससे सभी जिम्मेदार तो कुम्भकर्णीय नींद में हैं!
प्राथमिक एवं पूर्व माध्यामिक शाला नवापारा घुटकू में सिर्फ दो शिक्षक समय पर उपस्थित पाए गए । दोनों शाला के प्रधान पाठक एवं अन्य शिक्षक विलंब से शाला में उपस्थित हुए। शासकीय प्राथमिक शाला चक्राकुंड में शिक्षक अध्यापन के समय बाहर बैठे हुए पाए गए एवं कक्षा में बच्चे स्वयं से पढ़ते हुए पाए गए। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला गनियारी, खरगहना, में निरीक्षण के दौरान गनियारी प्राचार्य आकस्मिक अवकाश में थी एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं कक्षाओं में अध्यापन कार्य करते हुए पाए गए।
साहब ने आकस्मिक निरीक्षण तो किया लेकिन बच्चों की दर्ज संख्या और उपस्थिति पर शायद गौर नहीं किया। नहीं तो पता चलता कि दर्ज संख्या से उपस्थिति आधी हो गई है!
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कक्षा में छात्र छात्राओं से विषय संबंधित प्रश्न किये तथा गणित व विज्ञान में बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने हेतु छात्र /छात्राओं को टिप्स दिए। शिक्षको को रुचिपूर्वक अध्यापन हेतु प्रेरित किये।
साहब को चाहिए कि बच्चों से पूछें कि टीचर प्रश्न उत्तर ब्लेक बोर्ड पर लिखाते हैं कि गाईड से देखकर लिखाते है। या फिर किसी बच्चे को गाइड से देखकर लिखाने की जिम्मेदारी दी जाती है! कई स्कूलों में तो बुक से पाठ भी नहीं पढ़ाते टीचर्स,गाइड से लिखकर लाने को कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं!
तत्पश्चात कोटा विकासखंड के पीपरतराई एवं खुरदुर, नवापारा,खरगहनी शाला का निरीक्षण किया गया निरीक्षण के दौरान पीपर तराई में उपस्थित दोनों शिक्षिका कार्यालयीन कार्य करते पाए गए। प्राथमिक/ पूर्व माध्यमिक शाला खुरदुर में शिक्षक उपस्थित मिले एवं अध्यापन कार्य कराते हुए पाए गए।
प्राथमिक शाला नवापारा खुरदुर में दोनों शिक्षक विलंब से शाला में उपस्थित हुए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मध्याह्न भोजन स्वयं चखकर निरीक्षण किया गया और संतोषप्रद पाया गया और सभी शालाओं में साफ सफाई, मध्याह्न भोजन मेनू अनुसार बनाने एवं शिक्षकों को पाठ्यक्रम अनुसार अध्यापन कार्य कराने हेतु निर्देशित किया गया।
अनियमित शिक्षको प्रधान पाठकों व प्राचार्यों को नोटिस जारी किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्कूलों से 11 शिक्षक बीएलओ ड्यूटी के कारण शाला से अनुपस्थित पाए गए।
बहरहाल ये तो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कुछेक स्कूलों का किए गए अचौक निरीक्षण का परिणाम था मतलब कई स्कूलों में तो शिक्षक महीनों स्कूल नहीं आते लेकिन तनख्वाह पूरी उठा रहे हैं किसी की संकुल समन्वयक से सांठगांठ हैं तो किसी की संकुल प्राचार्य से कोई तो सीधा बीईओ से रिश्तेदारी निभा रहा है कुल मिलाकर मिलजुल कर शासन को चूना लगाया जा रहा है।
कुल मिलाकर अब नोटिस नोटिस का खेला खेला जाएगा उसमें भी लाभ हानि देखा जाएगा!