अंग्रेजी का शिक्षक एक साल से नदारद…! बीईओ और डीईओ कुम्भकर्णीय नींद में!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर:-विकास खंड शिक्षा कार्यालय तखतपुर अंतर्गत संचालित एक स्कूल का,एक शिक्षक जिसकी नियुक्ति ही बच्चों को अंग्रेजी विषय पढ़ाने के लिए की गई है वह पिछले एक वर्ष से स्कूल नहीं आ रहा है। प्रधान पाठक द्वारा संकुल समन्वयक के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को लिखे गए पत्र के बाद भी बेखौफ होकर कर्मचारी सेवा नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहा है जो शिक्षा व्यवस्था और जिम्मेदार शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है।
क्या है पूरा मामला
विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय तखतपुर अंतर्गत मुख्य मार्ग में संचालित शासकीय उन्नत पूर्व माध्यमिक विद्यालय भकुर्रा नवापारा में 53 दर्ज बच्चे अध्यनरत हैं।
जिसमें प्रधान पाठक आर के भोई,वीरेंद्र कुमार शर्मा, नितेश विमल सोनराजा और मनोज कुमार साहू पदस्थ हैं।
जब हमनें शिक्षक नितेश विमल सोनराजा के विषय में प्रधान पाठक से पूछा तब उन्होंनें बताया कि शिक्षक के विषय पर संकुल समन्वयक के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी तखतपुर को पत्र लिखा गया है।
पत्र अनुसार इस स्कूल में 27/05/2023 से पदस्थ शिक्षक नितेश विमल सोनराजा की दिनाँक 24/07/2024 तक उपस्थिति पाठ्यांक रजिस्टर में कुल 31 दिनों की उपस्थिति दर्ज है। मतलब कुल 423 दिनों में मात्र 31 दिन ही स्कूल आए हैं लेकिन तनख्वाह पूरी मिल रही है।
अब सवाल ये की शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सरकारी स्कूल में अध्यनरत बच्चों को अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाला शिक्षक महीनों से स्कूल ही नहीं आ रहा है तो बच्चों को इंग्लिश का विषय कौन पढ़ायेगा?
ऐसा लगता है कि शिक्षक के लिए शासन के नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते ना ही उच्च अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्यवाही का भय नजर आ रहा है। कुल मिलाकर ये अपनी इच्छानुसार काम करने वाले सरकारी स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं। ये कर्मचारी सेवा नियम का पालन नहीं करते हैं।
उपस्थित शिक्षकों नें बताया कि शिक्षक स्कूल प्रधान पाठक को बिना लिखित सूचना के स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। बिना किसी आदेश के ये स्कूल से विभिन्न कार्यालयों में संलग्न रहते हैं मनमर्जी रूप से बिना किसी आदेश के ये शाला में आकर अपना हस्ताक्षर करते हैं कर्मचारी सेवा नियमों का पालन नहीं करते हैं।
क्या है नियम
यदि किसी शिक्षक को शिक्षिकीय या अन्य कार्य के लिए स्कूल से कहीं अन्य कार्य व्यवस्था हेतु संलग्न करना होता है तो विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के लिखित आदेश पर ही शिक्षक को स्कूल से रिलीव किया जाता है और पुनः वापस आने पर भी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आदेश जारी करता है तब शिक्षक आदेश पत्र दिखा कर स्कूल जॉइन करता है।
कुल मिलाकर विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय तखतपुर अंतर्गत संचालित एक सरकारी स्कूल का शिक्षक जब इस तरह से सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए मनमर्जी काम करेगा तो ऐसे में अन्य स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के मन में सवाल तो उठेंगे?
देखना होगा कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी DEO और BEO खबर को संज्ञान में लेकर क्या शिक्षक के विरुद्ध कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं? क्या शिक्षक की स्कूल वापसी होगी?