एक डिप्टी रेंजर के भ्र्ष्टाचार की शिकायत… डीएफओ की उदासीनता खड़े कर रही सवाल… शिकायतकर्ता वन मंत्री से लगाएगा गुहार!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर वन मंडल कार्यालय अंतर्गत तखतपुर वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर बंजारे पर भृष्टाचार के मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत बिलासपुर डीएफओ से की गई है.
शिकायतकर्ता नें आरोप लगाया है कि डिप्टी रेंजर बंजारे नें ना केवल अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भृष्टाचार किया है बल्कि उन्होंने नियम विरुद्ध विभागीय कार्यों में अपने सगे भाई और नाते रिश्तेदारों को भी बिना काम के लाखों रुपए का मजदूरी भुगतान कराया है।
शिकायतकर्ता नें बताया कि तखतपुर वन परिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर बंजारे नें अपने उच्च अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर फ़र्जी मजदूरी भुगतान किया है।
फर्जी मजदूरी भुगतान मामले में उन्होंने ना केवल अपने सगे भाई मोहर सिंह बंजारे के बैंक खाते में NEFT के माध्यम से राशि का भुगतान किया है बल्कि ऐसे दर्जनों फर्जी मजदूरों के खाते में रकम को ट्रांसफर किया गया है।
शिकायतकर्ता नें बताया कि डिप्टी रेंजर बंजारे अपने भाई मोहर सिंह के माध्यम से विभाग द्वारा फ़र्जी मजदूरों को बैंक खाते में ट्रांसफर की गई बड़ी रकम उनसे एकत्रित कर अपने भाई डिप्टी रेंजर बंजारे तक पहुंचाता था। इस फर्जीवाड़े में फ़र्जी मजदूरों को थोड़ी बहुत रकम देकर अगले आने वाले फर्जी मजदूरी भुगतान की जानकारी दी जाती थी।
शिकायतकर्ता का कहना है कि फर्जी मजदूरी भुगतान मामले में लिप्त डिप्टी रेंजर की शिकायत बिलासपुर डीएफओ संजय कुमार यादव से बीस दिन पहले फ़र्जी भुगतान के दस्तावेज देकर जाँच की मांग की गई थी किन्तु अब तक जांच शुरू नहीं किया गया है। यदि डीएफओ द्वारा डिप्टी रेंजर और अन्य लोगों को बचाने का प्रयास किया जाता है तो मैं इसकी शिकायत सीधा वन मंत्री से करूँगा।
विभागीय सूत्रों के हवाले से खबर निकल कर आ रही है कि डिप्टी रेंजर की लिखित शिकायत बाद तखतपुर वन परिक्षेत्र में हड़कंप मच गया है बाबू से लेकर तमाम अधिकारी पदाधिकारी तनाव में हैं उन्हें डर है कि कहीं जांच हो गई तो हम सब निपट सकते हैं ऐसे में प्रकरण को लेकर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं बल्कि मामले को रफादफा करनें तिकड़मी दिमाग लगाया जा रहा है।
फिलहाल वनमंडल बिलासपुर में तखतपुर के डिप्टी रेंजर द्वारा किए गए फ़र्जी मजदूरी भुगतान की शिकायत लंबित है ऐसा लगता है कि मामले की निष्पक्ष जांच होने से कई बड़े अधिकारियों का नाम भी निकल कर सामने आएगा।
बहरहाल भृष्टाचार की जांच अभी लंबित है, देखना होगा कि डीएफओ कब और किसे जांच की जिम्मेदारी देकर सच उजागार करनें का निर्देश देते हैं या फिर शिकायतकर्ता को वन विभाग में हुए भृष्टाचार की जांच की गुहार वन मंत्री तक लेकर जानी होगी! ताकि भृष्ट अधिकारियों का भृष्टाचार उजागर होकर जनता के सामने आए और भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे।