एपिसोड – 6 जीर्णोद्धार का काम अधूरा,आनन फानन में आम जनता के लिए खोल दिया गया उर्जा पार्क…ठगे जा रहे लोग!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। “ऊर्जा शिक्षा उद्यान” राजकिशोर नगर बिलासपुर का जीर्णोद्धार का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ और आनन फानन में 23 जून को आम जनता के लिए खोल दिया गया।
हैरत की बात यह है कि जीर्णोद्धार के बाद आनन फानन में खोला गया उर्जा पार्क आधे अधूरे काम और अधिकारियों और ठेकेदार की सांठगांठ से एक पक्के सौदेबाजी की मिशाल पेश कर रहा है।
करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद उर्जा पार्क को आम जनता के लिए खोल भी दिया गया, लोग 10 और 20 रुपए की टिकट कटाकर भीतर प्रवेश कर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं क्योंकि करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी फाउंटेन का चालू नहीं है। रेनोवेशन का काम अधूरा है। अधिकारी कह रहे हैं कि टेस्टिंग चल रही है भई ऐसे में अगर सवाल खड़े हो कि किस बात की जल्दी थी जो ऊर्जा पार्क को खोल दिया गया?
रेनोवेशन मतलब जीर्णोद्धार और जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के बाद भी केन्टीन बंद है, अब टिकट कटाकर रुपए खर्च कर पब्लिक खाने पीने के समान के लिए भटक रही है क्योंकि केन्टीन का टेंडर नहीं हुआ है। ऐसे हालात में अधिकारी का रटा रटाया जवाब कि केन्टीन का टेंडर नहीं हुआ है?
बैटिंग प्रेक्टिस के लिए ऑटोमेटिक बॉल थ्रोविंग मशीन अभी नहीं लगी है। अधिकारी का कहना है कि बारिश में मशीन ख़राब होने की संभावना है इसलिए बारिश के बाद ही चालू किया जा सकता है लोग चाहें तो अपना बैट बॉल लाकर खेल सकते हैं। आगे आप समझदार हैं?
अधिकारी कहते हैं कि बास्केट बॉल ग्राउंड तैयार है लेकिन अभी तक कोई कोच नहीं मिला है जिसे मंथली किराए पर दिया जा सके। अधिकारी का कहना है कि लोग चाहें तो अपना बॉल लाकर खेल सकते हैं। आगे आप समझदार हैं?
हम अपने पाठकों को बतलायेंगे कि आखिरकार कितने करोड़ रुपए खर्च कर ऊर्जा पार्क का जीर्णोद्धार किया गया,और किसका उद्धार हुआ किसका जीर्णोद्धार!
कुल मिलाकर ऊर्जा पार्क में आखिर मनोरंजन का मूड बनाकर आने वालों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है आने वाले कहते नजर आते हैं कि रेनोवेशन के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक कर आधा अधूरा पार्क को खोल कर जनता को ठगा जा रहा है। अधिकारी कहते हैं कि ठेकेदार को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है यदि ऐसा है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
ऊर्जा शिक्षा उद्यान का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण, तो जनता की जानकारी के लिए क्यों नहीं लगाया गया सूचना पटल, क्या और क्यों छिपा रहे अधिकारी? कुछ तो गड़बड़ है!
क्रमशः ……