पंचायत फैसले के बाद…कहाँ लापता हो गए “दो” लोग! क्या था फैसला?

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। कोटा। एक पंचायत के सरपंच नें दो युवकों को सुनाई बकरी चोरी की अनोखी सजा जिसे पढ़कर आप भी रह जाएंगे हैरान,परेशान। सरपंच नें बकरी चोरी के आरोपियों को पुलिस को सौपने की जगह पंचायत बिठाकर 15- 15 हजार रुपए का जुर्माना कर दिया, एक आरोपी के ससुर नें अपने दामाद के जुर्माना पटाने बकायदा लिखा पढ़ी के साथ 15 हजार रुपए का जुर्माना पटाया दूसरा आरोपी जुर्माना का नहीं पटाया तो उसके परिवार का पंचायत द्वारा बहिष्कार कर दिया गया। पुलिस हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा। बात यहीं खत्म नहीं होती। इस घटना के बाद दोनों बकरी चोरी के आरोपी आज दिनांक तक लापता हैं वे कहाँ गये उन्हें जमीन निगल गई या आसमान खा गया मालूम नहीं। इतना जरूर है कि सरपंच के द्वारा किए गए जुर्माना के फैसले के बाद लापता हुए दोनों युवकों को पूरा परिवार अपने अपने स्तर से उनके तलाश में दर दर भटक रहा है। कभी सरपंच के दरवाजे तो कभी पुलिस की चौखट उन्हें खोज लाने की गुहार लगा रहा है।
मामला कोटा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सलका से सामने आया है, दरअसल 19/03/2022 को ग्राम पंचायत सलका निवासी राधेश्याम नायक पिता फूल सिंह के घर से रात्री कालीन में महेश पिता धरम सिंह व तोरन सिंह, पिता जान सिंह ,दोनों नें मिलकर दो नग बकरी व एक नग बकरा चोरी कर लिए थे जिसे ग्राम पंचायत धनरास से बकरी मालिक ने सुबह बरामद कर लिया,जिसके बाद दोनों युवकों ने सलका ग्राम पंचायत की भरी सभा में बकरी चोरी करना भी स्वीकार किया,लेकिन सलका ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा चोरी करने वाले दोनों व्यक्ति को पुलिस थाना में सौपने की बजाए चोरी के आरोपी को 15- 15 हजार रुपए का दण्ड सुना दिया, आखिर पंचायत के जिम्मेदार सरपंच चोरी के आरोपी को पुलिस को सौपना जरूरी क्यों नहीं समझा?
वहीं महेश के ससुर नें 15 हजार रुपए की जुर्माना राशि सरपंच भुवन जगत को देकर एक रसीद लिखवाया जिसमें साफ लिखा है कि रकम सरपंच को प्राप्त हुआ।
वहीं चोरी किए व्यक्ति के परिजनों की माने तो जिस दिन घटना हुई थी उसी दिन से दोनों युवक लापता भी हैं,जिससे परिजन खोजबीन कर काफी परेशान भी हो गए हैं, अगर सरपंच द्वारा दोनों आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया होता तो शायद आज दोनों आरोपी लापता नहीं होते।
बहरहाल चोरी के आरोपी को कानून विरुद्ध दण्डित करनें वाले सरपंच पर क्या कार्यवाही होती है, यह देखने वाली बात है।
बहरहाल सरपंच के तुगलकी फरमान से दोनों व्यक्ति लापता है परिवार के मुखिया के नहीं होने से परिवार के सामने आर्थिक समस्या आन खड़ी है बच्चे अपने पिता के आने की राह देख रहे हैं। वहीं पत्नी अपने सुहाग के सकुशल होने की कामना कर आँसू बहा रही है तो ससुर जुर्माना पटा कर भी अपने दामाद के आने का इंतजार कर रहा है।
सवाल ये की आखिर ऐसा क्या हुआ था उस दिन की दोनों अचानक गायब हो गए जो उनकी आज तक कोई खबर ही नहीं!