बिलासपुर

न्याय चाहिए साहब…कब मिलेगा न्याय… एक अनपढ़ विधवा की गुहार!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। जनदर्शन बीजेपी शासन काल में हुआ करता था अब कांग्रेस शासित प्रदेश में मुख्यमंत्री के आदेश से जन चौपाल लगाया जा रहा है। जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए जन चौपाल लगाया जाता है।

पिछले मंगलवार को कोटा तहसील के ग्राम शांतिपुर धूमा की साहूकारिन नामक एक विधवा महिला भी अपने दो नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ कलेक्टर बिलासपुर के पास फरियाद लेकर आई थी। उसे भी लाईन लगाकर खड़े होकर अपने बच्चों को संभालना और अपनी समस्या को जिले के मुखिया को बतलाना था।

मां तो मां होती है साहब, अपने दो मासूम बच्चों को लेकर आपके जन चौपाल में लाइन लगाकर घंटो खड़ी अपनी बारी का इंतजार करती रही, ना जाने कितनी देर से एक नन्हा सा बच्चा उसके कांधे पर भूखा प्यासा लिपटा था, दूसरी ओर एक नन्ही सी बिटिया नंगे पैर जमीन पर खड़ी मां की ममता को तरस रही थी,मानों तीनों सोच रहे हों कि कब जन चौपाल की झंझट से छुटकारा मिले!

पर मां तो मां होती है साहेब,अपने दो बच्चों की जिम्मेदारी और कांधे पर समस्याओं का बोझ के साथ अपने हक की लड़ाई लड़ने आपकी दहलीज पर भी डट कर खड़ी, न्याय का इंतजार कर रही है।

इस विधवा अनपढ़ मां को तो साल भर पहले तहसील में ही न्याय मिल जाना था लेकिन एसडीएम कार्यालय में भी साहब नें नहीं सुना ना कोई सुनवाई हुई। आज कल गरीबों की सुनता कौन है।

तब हार कर, लचर प्रशासनिक व्यवस्था से हार कर अब राजस्व प्रमुख के दरबार में हाजिरी लगाने आई है उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। किताबों में भले ही लिखा गया है कि सरकार आम जनता चुनती है लेकिन इस जन चौपाल में लगी लंबी लाइन देखकर तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता और खासकर तब जब एक विधवा मां अपने दो मासूम नन्हे बच्चों को अपनी छाती पर रखकर कलेक्टर की चौखट पर आन खड़ी होती है।

मामला कुछ ऐसा है कि उसके स्वामित्व की भूमि पर कब्जा करने वाले लोग उसके साथ बुरा सलूक करते हैं और उसके क्षेत्र में पदस्थ पटवारी तहसीलदार, एसडीएम 1 साल तक उसकी पीड़ा, उस विधवा की पुकार को अनसुना कर देते हैं। जबकि उसके पास जमीन के सारे दस्तावेज हैं।

क्या विधवा,अनपढ़ साहूकारिन इस महिला को कलेक्टर जन चौपाल में न्याय मिलेगा! मिलेगा तो कब और कैसे!

सवाल:-क्या विधवा,अनपढ़ साहूकारिन नामक इस महिला को कलेक्टर जन चौपाल में न्याय मिलेगा! और मिलेगा तो, कब और कैसे!

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