शहरी पटवारियों को भेजा गांव…सजा या मजा!

बिलासपुर – फरियादियों द्वारा पटवारियों की लगातार आ रही शिकायतों और जन चौपाल में पटवारियों के खिलाफ मिली शिकायतों पर कलेक्टर का कड़ा रुख, पटवारियों को अन्यत्र पदस्थापना किए जाने का संकेत था जिस पर कल देर शाम आखिरकार मुहर लग ही गई।
पटवारियों की मनमानी से मिल रही शिकायतों पर जिला प्रशासन की लगातार हो रही किरकिरी को दूर करने और तेजी के साथ प्रकरणों के निराकरण के लिए कलेक्टर के निर्देश पर पटवारियों की एक बड़ी खेप को बदलाव कर दिया गया है।
बिलासपुर एसडीएम पुलक भट्टाचार्य ने सोमवार की शाम को अपने अनुभाग के 31 पटवारियों का नया पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है। पटवारियों की करतूतों की वजह से बीते कुछ समय से बिलासपुर तहसील और एसडीएम कार्यालय काफी बदनाम हो रहा था। फरियादी काम ना होने से काफी परेशान थे। एसडीएम, तहसीलदार और उनके साथ जिला कलेक्टर की हो रही बदनामी को खत्म करने स्वंय कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने अपना पूरा ध्यान एसडीएम और तहसील कार्यालय की ओर केंद्रित किया और प्रकरणों का तेजी से निराकरण हो इस ओर ध्यान लगाया। यही कारण है कि कलेक्टर के निर्देश के बाद वर्षों से शहर में जमे रसूखदार पटवारियों को गांव की ओर रवाना कर दिया गया है। वही गांव में बेहतर काम करने वाले पटवारियों को शहर में लाकर एक नई व्यवस्था बनाई गई है।
एसडीएम पुलक भट्टाचार्य के लगातार सक्रियता के कारण पिछले कुछ दिनों से राजस्व के पेंडिंग प्रकरणों के निराकरण में तेजी आई है। अब तहसील में आने वाले फरियादियों में त्वरित न्याय की उम्मीद जगने लगी है। पिछले कुछ समय से इस तहसील कार्यालय को बदनाम करने वालों में कुछ अफसरों का विशेष हाथ रहा है। रुपए बटोरने के अलावा उन्हें यहां कुछ और नज़र नही आया । जिसके कारण प्रशासन की छवि न सिर्फ बिलासपुर बल्कि प्रदेश भर में खराब हुई थी। इस खराब हुई छवि को मिटाने के लिए कलेक्टर पिछले काफी दिनों से प्रयास कर रहे थे। और अब उन्हें इसमें सफलता की उम्मीद जगी है। तहसील कार्यालय का निरीक्षण करने के बाद वहां की कमियों को समझने के बाद और शिकायतों के आधार पर लगातार यहां इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। पहले कई तहसीलदारों का तबादला और अब उसके बाद पटवारियों का तबादला साफतौर से इस बात का संकेत है कि अब राजस्व मामलों में जिला प्रशासन अपनी बदनामी बर्दाश्त नहीं करेगा। एसडीएम की मेहनत और कलेक्टर की नजर निश्चित रूप से आने वाले दिनों में पक्षकारों को राहत प्रदान करेगा।
उम्मीद की जा रही है कि पटवारियों के बदलाव से फरियादियों को न्याय मिलेगा और राजस्व के पेंडिंग प्रकरणों के निराकरण में तेजी आएगी।